मेयर गौरव गोयल की सूझबूझ से मयंक गुप्ता की रणनीति धड़ाम, भाजपा के पार्षद भी गौरव गोयल के साथ दिखे, सभी ने बोर्ड बैठक में दी अपने वार्ड के विकास को तरजीह
रुड़की । भाजपा पार्षद नगर निगम जाते-जाते वह सब कुछ भूल गए जो बंद कमरे में कल उन्हें नगर निगम का चुनाव हारे मयंक गुप्ता और भाजपा के अन्य नेताओं ने समझाया था। उनके याद मात्र जो याद रहा वह उनके वार्ड का विकास ही रहा। सभी पार्षदों का अपने अपने वार्ड के विकास संबंधी प्रस्ताव पास कराने पर जोर रहा। माना जा रहा है कि इसीलिए उन्होंने मेयर गौरव गोयल की हां में हां ही नहीं की बल्कि बोर्ड की बैठक में उन्हें पूरी ताकत प्रदान की। दरअसल, पिछले काफी समय से नगर निगम मेयर का चुनाव हारे मयंक गुप्ता व उनके कुछ खास लोग रुड़की नगर निगम को लेकर उठापटक जारी रखे हुए थे। कभी यहां बैठक करते थे तो कभी वहां करते थे। कभी उधर जाते थे तो कभी इधर आते थे। विशेषकर नगर निगम बोर्ड की बैठक पर उनकी निगाह थी और वह चाहते थे कि की पहली बैठक में ही इतना हंगामा करा दिया जाए ताकि जनता में मैसेज जाए कि नगर निगम का बोर्ड का संचालन करना मेयर गौरव गोयल के बस की बात नहीं है। इस बात को मेयर गौरव गोयल अच्छी तरह समझ भी रहे थे और उसकी काट भी लगे हाथ तैयार कर रहे थे। मेयर गौरव गोयल व उनके खास लोगों की बैंक गुप्ता पर करीबी निगाह रही और कल जब भाजपा के पार्षदों की बैठक जिला अध्यक्ष की अध्यक्षता में हुई और वहां पर मयंक गुप्ता ने उन्हें जो अपने तरीके से समझाया वह सब जानकारी समय रहते मेयर के पास पहुंच गई । यहां तक कि भाजपा के बहुत सारे पार्षद तो बंद कमरे की बैठक समाप्त हो जाने के बाद सीधे मेयर गौरव गोयल के पास पहुंचे और उन्हें सब कुछ बता दिया और यह भी कह दिया कि उन्हें अपने वार्ड का विकास चाहिए न कि कोई किसी तरह की सियासत। वह बोर्ड में अपने वार्ड के विकास के लिए चुनकर आए हैं ना कि हम किसी दूसरे की सियासत आगे बढ़ाने के लिए चुने गए हैं। यदि जानकारों की माने तो कल भाजपा पार्षदों की बैठक के दौरान उपस्थित रहे कुछ वरिष्ठ नेताओं की भी थोड़ी देर बाद ही मेयर गौरव गोयल से बातचीत हुई जिस पर उन्हें बताया गया कि कुछ के द्वारा बहुत अधिक प्रयास किए जा रहे थे इसीलिए बैठक की गई। वैसे सभी पार्षदों को इशारा कर दिया गया है कि वह अपने वार्डों के विकास संबंधी प्रस्ताव पर ही ध्यान दें। समझा जा रहा है कि इसीलिए भाजपा पार्षदों ने नगर निगम बोर्ड की बैठक में अपने अपने क्षेत्र के विकास संबंधी प्रस्ताव पर ध्यान दिया साथ ही उन्होंने मेयर की हर बात को तरजीह दी और शहर विधायक प्रदीप बत्रा के इशारों को समझा। माना जा रहा है कि इसीलिए नई इनोवा का प्रस्ताव भी ध्वनिमत से पारित हुआ। लीज भूमि खाली कराने के प्रस्ताव और मेयर के वक्तव्य को भी भाजपा पार्षदों ने बल दिया। यदि पूरी बैठक की कार्यवाही पर गौर किया जाए तो मात्र झबरेड़ा के भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल वह सब याद रहा जो कि उन्हें नगर निगम बोर्ड के संबंध में बताया गया था। झबरेड़ा विधायक ने कोशिश भी बहुत की। बैठक में उकसावे का माहौल बनाने के लिए भी उन्होंने गरमा-गरम बात की। लेकिन वह भी असफल रहे । नतीजतन बोर्ड की बैठक काफी अच्छे से हुई। सियासत कारों का कहना है कि यह बात तो पहले से ही साफ है कि यदि कोई नगर निगम का चुनाव हारता है और उसके बाद वह नगर निगम बोर्ड को अपने ढंग से संचालित कराने की कोशिश करता है तो वह कभी सफल नहीं हो पाता । क्योंकि उसके द्वारा उठाया गया हर कदम बौखलाहट के रूप में देखा जाता है । इसीलिए मयंक गुप्ता ने जितने भी प्रयास नगर निगम बोर्ड की बैठक को हंगामेदार कराने के लिए किए गए। वह सफल नहीं हो पाए । मात्र झबरेड़ा विधायक ही उनकी रणनीति पर चलते हुए दिखे। इसमें झबरेडा विधायक की खूब किरकिरी हुई। जब पार्षदों ने उन पर चौतरफा आरोप-प्रत्यारोप शुरू कर दिए तो वह भी अपने कदम पीछे भी हटाते हुए नजर आए ।उनके शुरुआती जो तेवर थे वह भी अचानक नरम हो गए। बाद में वह कहते सुनाई पड़े हैं कि वह अकेले क्या करते हैं।। जब सारे भाजपा पार्षद ही मेयर और रुड़की शहर भाजपा विधायक की भाषा बोल रहे हैं। बहरहाल, भाजपा नेता मयंक गुप्ता की जो बंद कमरे की रणनीति थी न जाने वह कहां चली गई। बैठक समाप्ति के बाद सभागार से मेयर गौरव गोयल, शहर विधायक प्रदीप बत्रा, विधायक फुरकान अहमद और सभी पार्षद बड़े ही मुस्कुराते हुए निकले। मातृ योजना विधायक देशराज कर्णवाल ही परेशान दिखे। उन्हें भी अन्य विधायकों ने कहा कि चिंता मत करो उनके क्षेत्र में भी नगर निगम तेजी से विकास कराएगा।