हरिद्वार । शिवरात्रि के एक दिन पहले सोमवार को हरिद्वार में डाक कांवड़ियों का रेला उमड़ पड़ा। इस दौरान दिल्ली हाईवे की दोनों साइड कांवड़ियों के कब्जे में रही। एक साइड पर डाक कांवड़िए झाकियों के साथ गंतव्य की ओर बढ़ते रहे तो दूसरी साइड बिना साइलेंसर बाइकों से कांवड़िए फर्राटा भरते रहे। बहादराबाद बाईपास से लेकर शांतिकुंज तक करीब 20 किमी हाईवे जाम रहा। एंबुलेंस तक को रास्ता नहीं मिला। स्थानीय लोग हाईवे क्रास करने के लिए घंटों फंसे रहे। पुलिस बेबस नजर आई। जाम में फंसे वाहन तीन घंटे में 500 मीटर ही आगे बढ़े। कांवड़ मेला के आखिरी दो दिन पुलिस की सभी व्यवस्थाएं पटरी से उतर गई। हाईवे से लेकर चौराहों और तिराहों पर पुलिस बेबस नजर आई। कांवड़ियों के रेला उमड़ते ही बैरागी कैंप से लेकर हाईवे और संपर्क मार्ग पूरी तरह जाम हो गए। सुबह से देर रात तक जाम से हर कोई हलकान रहा। रुड़की से हरिद्वार की लेन पर कांवड़िए बाइकों से फर्राटा मारते हुए हरिद्वार पहुंचे। जबकि हरिद्वार से रुड़की वाली लेन पूरी तरह जाम रही। हरिद्वार-लक्सर मार्ग भी पूरी तरह जाम रहा। कांवड़िए झांकियों में डीजे के साथ नाचते गाते निकले। जिससे वाहनों की रफ्तार और थम गई। कई एंबुलेंस जाम में फंसी रही। बहादराबाद से शांतिकुंज तक हाइवे पूरी तरह कांवड़ियों के कब्जे में रहा। हालांकि, इससे आगे और पीछे भी कांवड़िए चलते रहे। ऋषिकेश नीलकंठ के लिए बाइकों का रैला निकला। 20 किमी के हाईवे में सबकुछ ठहर सा गया। हाईवे क्रास कर दुकान और नौकरी पर आने वालों को भी जूझना पड़ा। फ्लाईओर के नीचे घंटों तक सड़क क्रास करने का इंतजार करना पड़ा। स्थानीय लोगों को गली मोहल्लों से होकर अपने घरों तक पहुंचना पड़ा, जिससे गलियों में भी जाम लगा। वहीं, कांवड़ मेला में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों का एसएसपी ने उत्साह बढ़ाया। कांवड़ मेला 2022 समाप्ति के चरण में पहुंच गया है। मंगलवार शाम तक कांवड़ मेला समाप्त हो जाएगा।
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