रुड़की में धूमधाम से मना रक्षाबंधन का पर्व, भाई-बहन के प्यार का प्रतीक पर्व रक्षा बंधन के अवसर पर रुड़की में खासा उत्साह देखने को मिला

रुड़की। भाई-बहन के प्यार का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन पर्व के अवसर पर रुड़की में उत्साह देखने को मिला। बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी और माथे पर तिलक कर उनकी लंबी आयु की कामना की। साथ ही रक्षा का वचन भी लिया। भाइयों ने बहनों को उपहार दिया साथ ही बहनों को रक्षा का वचन भी दिया।रक्षाबंधन के त्योहार को लेकर भाई-बहनों में भारी उत्साह नजर आया। घरों में सुबह के समय परंपरा के मुताबिक पूजा अर्चना की गई। दरवाजों की चौखट पर राम-राम, राधा-कृष्ण एवं शुभ-रक्षाबंधन जैसे शुभ शब्द लिखे। इसके बाद बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी। उनके माथे पर तिलक किया। उनकी आरती करते हुए लंबी आयु कामना की। इस दौरान बहुत सी बहने रक्षाबंधन त्योहार पर अपने भाई को राखी बांधने अपने मायके पहुंची थी। जबकि कुछ भाई भी अपनी बहनों से राखी बंधवाने उनके ससुराल पहुंचे । भद्राकाल होने के पश्चात भी बहनों ने अपने भाईयों को 10:38 मिनट पर पूर्णिमा आने पर ही राखी बाँधी ताकि वो अपने भाई के लिये दीर्घायु की कामना कर सके।हालांकि अलग अलग ज्योतिषाचार्यो के अनुसार इस वर्ष रक्षाबंधन पर संशय की स्थिति उतपन्न हो रही थी कुछ विद्वानों का मत था कि 11 अगस्त को भद्रा काल होने के कारण रक्षा बंधन 12 अगस्त को मनाया जाएगा लेकिन वहीँ कुछ ज्योतिषियों के कहना था कि जहाँ पूर्णिमा 11 अगस्त को प्रातः 10:38 मिंट पर आ रही है तो12 अगस्त को प्रातः 7:15 तक ही पूर्णिमा है इसलिए भद्राकाल का कोई असर रक्षाबंधन के त्योहार पर असर नहीँ डालता है। वहीँ ज्यादातर बहनों ने रक्षाबंधन पर्व पर अपने भाइयों की कलाई में रक्षा सूत्र बांधकर 11 अगस्त को ही अपना त्योहार मनाया।

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