गंगा स्वच्छता के लिए आमजन को जागरूक करना प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी, स्पर्श गंगा ने स्वच्छता अभियान के साथ साथ किया विचार गोष्ठी का आयोजन
हरिद्वार । कनखल स्थित स्पर्श गंगा कार्यालय में स्वच्छता अभियान, के साथ साथ विचार गोष्ठी का आयोजन भी किया, गया। जिसमें अनेक वक्ताओं ने माँ गंगा को नमन करते हुए माँ गंगा एवं पर्यावरण पर अपने अपने विचार व्यक्त किए रीता चमोली ने कहा गया कि भागीरथ की करोड़ों वर्षों की तपस्या के बाद माँ गंगा, मानव जाति एवं प्राणी मात्र के उद्धार हेतु धरती पर अवतरित हुई और तब से अब तक वह अपने कर्तव्य का निर्वाचन हमारे उद्धार के लिए करती आ रही। परन्तु माँ गंगा के इस परोपकार एवं त्याग के बदले में मनुष्य ने गंगा को क्या दिया आज गंगा का जल मानव जाति ने ही सवसे ज्यादा प्रदूषित किया है, विशाल गर्ग जी ने कहा इस प्रदूषण के कारण असंख्य छोटे बड़े जीवों, पर, प्राणों का संकट आ गया है, जो माँ गंगा की गोद में स्वयं को सुरक्षित महसूस करते हैं , आशु चौधरी ने कहा कि सभी को मां गंगा का अपनी मां के समान सम्मान करना चाहिए। राजेश लखेड़ा ने कहा कि इस सब को जन जन को गंगा स्वच्छता के लिए जागरूक करना होगा और सरकार को गंगा में प्रदूषण फैलाने वालों को कठोर दंड देना चाहिए मनु रावत ने कहा इसके उत्तरदायी भी हम ही हैं एक वक्त ने करोना महामारी के दौरान हुए लॉक डाउन ने पर्यावरण को फिर से स्वच्छ एवं निर्मल बना दिया है प्रदूषण का स्तर शून्य हो गया है किन्तु के बाद यदि हम फिर से उसी प्रकार प्रदूषण फैलाएंगे तो पर्यावरण फिर से दूषित हो जायेगा और फिर से हम प्रदूषण के उच्चतम स्तर पर पहुंच जायेंगे और फिर ऐसी ही महामारियां हम पर आक्रमण करती रहेंगी वक्ताओं ने अपने अपने विचार रखते हुए अनेक सुझाव भी दिए जिसमें आम जनता को गंगा एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु जागरूक करने के अलावा गाड़ियों के कम प्रयोग करने एवं साइकिल आदि के प्रयोग पर जोर दिया गया साथ साथ हमारा हमारा पर्यावरण भी कम प्रदूषित होगा। इस दौरान स्पर्श गंगा टीम द्वारा स्पर्श गंगा घाट एवं पुल जटवाड़ा पर, स्वच्छता अभियान, भी चलाया। गया इस दौरान कार्यक्रम में रीता चमोली,आशु चौधरी,अनिल शर्मा,मन्नू रावत,रीमा गुप्ता,रजनी वर्मा,शीतल,राजेश लखेड़ा,रेणु शर्मा सुनैना शर्मा,रंजीता, कार्तिक धीरज सिंह,अंजलि,निकिता,रजनी,रिंकू शर्मा,माही शर्मा, संजय सिंह, आकाश शर्मा,मोहित मनप्रीत,साक्षी,मिनाक्षी, पूनम,अर्पित, विनती आदि मौजूद रहे।