बालीवुड गायक जुबिन नौटियाल के पिता को भाजपा ने दिया टिकट, देहरादून की इस सीट से लड़ेंगे चुनाव, सामने हैं कांग्रेस के चार बार के विधायक
देहरादून । गुरुवार शाम को 59 सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों के नाम की घोषणा होने से आरक्षित सीट चकराता विधानसभा में तस्वीर साफ हो गई। इस बार यहां भाजपा ने नए चेहरे को चुनाव मैदान में उतारा गया है। टिकट की दौड़ में सबसे आगे बताई जा रहीं जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान परिवार से सिर्फ एक व्यक्ति को टिकट देने, भाजपा के फार्मूला लागू होने से रेस से बाहर हो गईं। टिकट के दूसरे प्रबल दावेदार बालीवुड गायक जुबिन के पिता पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामशरण नौटियाल इस सीट पर फिट बैठे और पार्टी से प्रत्याशी घोषित किये गए। देहरादून जनपद से जुड़ी आरक्षित सीट चकराता विधानसभा में कांग्रेस से लगातार चार बार के विधायक एवं नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के अलावा किसी अन्य ने टिकट के लिए दावेदारी पेश नहीं की, जिससे कांग्रेस में टिकट को लेकर स्थिति पहले ही साफ हो गई। इसके अलावा यहां भाजपा में टिकट को लेकर सियासी घमासान रहा। चकराता सीट से भाजपा में टिकट के चार दावेदार बताए जा रहे थे। इनमें जिला पंचायत अध्यक्ष देहरादून मधु चौहान, पूर्व अध्यक्ष जिला पंचायत अध्यक्ष रामशरण नौटियाल, उत्तराखंड जनजाति आयोग के अध्यक्ष मूरतराम शर्मा और वरिष्ठ भाजपा नेता एवं निदेशक एप्पल फेडरेशन प्रताप सिंह रावत टिकट की दौड़ में शामिल रहे। बताया जा रहा है मधु चौहान भाजपा से टिकट की दौड़ में सबसे आगे थीं, लेकिन पार्टी आलाकमान के निर्णय से उनके मंसूबों पर पानी फिर गया। भाजपा में परिवार से एक व्यक्ति को टिकट फार्मूले के चलते मधु चौहान रेस से बाहर हो गई। भाजपा ने उनके पति सिटिग विधायक मुन्ना सिंह चौहान को विकासनगर सीट से टिकट दिया है। भाजपा ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में चकराता सीट से मधु चौहान और विकासनगर सीट से उनके पति मुन्ना सिंह चौहान को परिवार से दो टिकट दिए थे। चकराता सीट से भाजपा प्रत्याशी रहीं मधु चौहान को पिछले बार के चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा। बताया जा रहा इस बार भी विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने पत्नी मधु चौहान को चकराता से टिकट दिलाने की पुरजोर पैरवी की पर कामयाब नहीं रहे। इसके अलावा भाजपा में टिकट के अन्य दावेदार बताए जा रहे मूरतराम शर्मा व प्रताप सिंह रावत भी रेस से बाहर हो गए। बता दें, चकराता से भाजपा प्रत्याशी रामशरण नौटियाल राज्य गठन से पूर्व तत्कालीन उत्तर-प्रदेश सरकार में देहरादून के जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं।