जिला सहकारी बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष सुशील चौधरी निदेशक पद से बर्खास्त, चुनाव लड़ने पर पांच साल तक रोक

रुड़की । जिला सहकारी बैंक में भर्ती घपले के मामले में तत्कालीन अध्यक्ष और वर्तमान निदेशक सुशील चौधरी को निदेशक पद से बर्खास्त कर दिया गया है। उनके बैंक का चुनाव लड़ने पर भी पांच साल तक रोक लगा दी गई है। कांग्रेस सरकार के दौरान 2016 में जिला सहकारी बैंक में गार्डों की भर्ती हुई थी। 19 पदों के लिए करीब 2298 आवेदन आए थे। आरोप था कि भर्ती में घपला किया गया। शिकायत के बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए थे। बीती 30 अप्रैल को निबंधक सहकारिता आलोक कुमार पांडेय ने तत्कालीन महाप्रबंधक दीपक कुमार व तत्कालीन सहायक निबंधक सहकारिता सुभाष गहतोड़ी की दो वेतन वृद्धि रोकने के आदेश दिए थे। तत्कालीन चेयरमैन सुशील चौधरी और अपात्र कर्मचारियों पर कार्रवाई के लिए बैंक बोर्ड को लिखा था। बीती 24 मई को बैंक की बैठक में 9 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया था। तत्कालीन चेयरमैन को 31 मई तक अपना पक्ष रखने को कहा गया था।
गुरुवार को चेयरमैन प्रदीप चौधरी की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें बहुमत के आधार पर तत्कालीन चेयरमैन पर कार्रवाई का प्रस्ताव पास किया गया। तत्कालीन चेयरमैन वर्तमान में बैंक में निदेशक हैं। उन्हें निदेशक पद से बर्खास्त कर दिया गया। बैठक में उनके जवाब को संतोषजनक नहीं माना गया। चेयरमैन सहित सोलह सदस्यीय बोर्ड में केवल दो निदेशकों ने कार्रवाई का विरोध किया। उनके अगले पांच साल तक बैंक का चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी गई है।

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