उत्‍तराखंड के युवाओं से खिलवाड़, UKSSSC के स्नातक स्तर की परीक्षा की तरह एक और भर्ती में लीक हुआ था पेपर

देहरादून । उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के स्नातक स्तर की परीक्षा की तरह ही एक और परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। इस मामले के सामने आने के बाद अब प्रदेश का युवा वर्ग खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है। सचिवालय रक्षक भर्ती का पेपर भी लीक यूकेएसएसएससी के स्नातक स्तर की परीक्षा की तरह सचिवालय रक्षक भर्ती का पेपर भी पहले ही लीक हो गया था। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने इस मामले में देहरादून के रायपुर थाने में पेपर लीक करने वाले गिरोह के छह आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। जांच में सामने आया है कि परीक्षा से पहले ही प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी ने प्रश्नपत्र को एक पेनड्राइव में निकालकर दूसरे आरोपित को दे दिया था। इसके बाद यह पेपर अभ्यर्थियों को 10-10 लाख रुपये में बेचा गया था। एसटीएफ यूकेएसएसएससी द्वारा चार व पांच दिसंबर 2021 को आयोजित की गई स्नातक स्तर की परीक्षा का पेपर लीक मामले की जांच कर रही थी। इस दौरान सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने की बात भी सामने आ गई। डीजीपी ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। जांच में पता चला कि यह पेपर भी लखनऊ स्थित आयोग की आउटसोर्स प्रिंटिंग प्रेस आरएमएस के कंप्यूटर आपरेटर प्रदीप पाल ने लीक किया था। परीक्षा से एक दिन पहले पेपर पेन ड्राइव में लिया और दूसरे कर्मचारी जयजीत दास निवासी ग्राम भिस्व जिला महाराजगंज (उप्र) वर्तमान निवासी पंडितवाड़ी देहरादून को दिया था। जयजीत ने यह पेपर न्यायिक कर्मचारी सितारगंज मनोज जोशी, कुलवीर सिंह निवासी सादीपुर, बास्टा, चांदपुर, बिजनौर, पीआरडी के कर्मचारी मनोज जोशी निवासी सेरा, पाटी, जिला चंपावत वर्तमान निवासी सितारगंज ऊधमसिंहनगर और दीपक चौहान निवासी मखडैत पटवारी, टिहरी गढ़वाल को दिया था। सभी आरोपितों ने कई अभ्यर्थियों को पेपर10-10 लाख रुपये में बेचा था। प्रदीप पाल, जयजीत दास, कुलवीर सिंह, दीपक चौहान, मनोज जोशी, मनोज जोशी (न्यायिक कर्मचारी) के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। ये सभी आरोपित स्नातक स्तरीय परीक्षा में हुए पेपर लीक मामले में भी शामिल हैं।सचिवालय सुरक्षा रक्षक के 33 पदों पर हुई थी भर्ती26 सितंबर 2021 को सचिवालय सुरक्षा रक्षक के 33 पदों के लिए परीक्षा हुई थी। 25,805 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। परीक्षा के लिए प्रदेश में 107 केंद्र बनाए गए थे। छह महीने बाद परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया। यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण में एसटीएफ की टीम हाकम सिंह को यूपी के धामपुर और बिजनौर ले गई। वहां भी उससे कई घंटे पूछताछ की गई। इसके बाद उसे देहरादून लाया गया, यहां उससे एसटीएफ टीम ने कार्यालय में दोबारा पूछताछ की। एसटीएफ ने आरोपित हाकम सिंह को तीन दिन के पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया गया था। बताया जा रहा है कि एसटीएफ के रडार पर उत्‍तरकाशी के कुछ लोग हैं। एसटीएफ इन्‍हें जल्‍द ही गिरफ्तार कर सकती है। इनमें अधिकतर हाकम सिंह रावत के करीबी हैं, जिन्होंने हाकम से पेपर लेकर परीक्षा दी और पेपर भी लीक किया।

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