भारत-जापान शैक्षणिक संबंधों को मजबूत करने हेतु आईआईटी रुड़की एवं निगाता विश्वविद्यालय ने डबल पीएचडी कार्यक्रम शुरू किया

 

रुड़की । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की एवं जापान के निगाता विश्वविद्यालय ने एक डबल पीएचडी कार्यक्रम की स्थापना की है, जो भारत और जापान के बीच अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक सहयोग के एक नए युग की शुरुआत है। आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत और निगाता विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के कुलशासक प्रो. मात्सुओ मासायुकी ने इस साझेदारी को औपचारिक रूप देने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

यह अग्रणी कार्यक्रम डॉक्टरेट छात्रों को आईआईटी रुड़की एवं निगाता विश्वविद्यालय से उपाधि प्राप्त करने में सक्षम बनाता है, जो अद्वितीय शैक्षणिक एवं अनुसंधान उत्कृष्टता के अवसर प्रदान करता है। यह पहल छात्रों और शोधकर्ताओं के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करती है, जो विविध शैक्षिक संसाधनों, विश्व स्तरीय सलाह व विद्वानों के बीच समग्र विकास को बढ़ावा देते हुए वैश्विक दृष्टिकोण तक पहुँच प्रदान करती है। सहयोगी अनुसंधान क्षेत्र अत्याधुनिक क्षेत्रों में फैले हुए हैं, जिनमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग, ऊर्जा प्रणाली और नवीकरणीय प्रौद्योगिकियाँ, स्थिरता और जलवायु परिवर्तन, उन्नत सामग्री और नैनो प्रौद्योगिकी, भूकंप इंजीनियरिंग, जल संसाधन और जल विज्ञान, सूचना एवं संचार इंजीनियरिंग, जैव विज्ञान एवं जैव प्रौद्योगिकी, रोबोटिक्स और स्वचालन, आपदा लचीलापन एवं शमन, व भू एवं पर्यावरण विज्ञान शामिल हैं, जो संयुक्त प्रयासों के माध्यम से महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों का समाधान करते हैं।

समझौता ज्ञापन पर चर्चा की शुरुआत निगाता विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रोफेसर तात्सुओ उशिकी के आईआईटी रुड़की दौरे से हुई, जहां आईआईटी रुड़की के नेतृत्व के साथ चर्चा में अकादमिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया। इसके अतिरिक्त, आईआईटी रुड़की से एक प्रतिनिधिमंडल, जिसमें प्रोफेसर के.के. पंत (निदेशक, आईआईटी रुड़की), प्रोफेसर विमल चंद्र श्रीवास्तव (कुलशासक, अंतर्राष्ट्रीय संबंध), प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी (कुलशासक, प्रायोजित अनुसंधान एवं औद्योगिक परामर्श), प्रोफेसर संदीप सिंह (भू विज्ञान विभाग), और प्रोफेसर पी गोपीनाथ (जैव विज्ञान एवं जैव इंजीनियरिंग विभाग) शामिल थे, ने रणनीतिक संवादों में शामिल होने, गहन सहयोग के लिए मार्ग तलाशने और इस परिवर्तनकारी साझेदारी के लिए एक मजबूत नींव रखने के लिए निगाता विश्वविद्यालय का दौरा किया।
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत ने कहा, “यह सहयोग वैश्विक शैक्षणिक जुड़ाव के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। डबल उपाधि कार्यक्रम छात्रों की शोध क्षमताओं को बढ़ाएगा और निगाता विश्वविद्यालय के साथ हमारे शैक्षणिक और शोध संबंधों को और मजबूत करेगा।”
निगाता विश्वविद्यालय के विज्ञान और प्रौद्योगिकी स्नातक स्कूल के कुलशासक प्रोफेसर मात्सुओ मासायुकी ने कहा, “हम इस कार्यक्रम पर आईआईटी रुड़की के साथ कार्य करने के लिए उत्साहित हैं, जो प्रतिभाशाली शोधकर्ताओं को पोषित करेगा और संयुक्त प्रयासों के माध्यम से वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में योगदान देगा।”
डबल उपाधि कार्यक्रम छात्रों के लिए उच्च प्रभाव वाले अनुसंधान में संलग्न होने तथा भारत और जापान दोनों देशों के शैक्षणिक और वैज्ञानिक समुदायों में योगदान करने के लिए नए मार्ग खोलता है।

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