कलयुग में भक्ति ही प्रभु प्राप्ति का साधन: आचार्य पंडित रमेश सेमवाल, ज्योतिष गुरुकुलम में श्रीमद् भागवत कथा प्रारंभ
रुड़की । ज्योतिष गुरुकुलम पुरानी तहसील में आज से श्रीमद् भागवत कथा प्रारंभ हुई कथा व्यास आचार्य पंडित रमेश सेमवाल ने कहा कि कलयुग में भक्ति ही प्रधान है भक्ति ही श्रेष्ठ है हमें निरंतर परमात्मा की श्री कृष्ण की भक्ति करनी चाहिए भगवान का नाम लेना चाहिए कलयुग में काम क्रोध लोभ मोह अहंकार से ग्रसित होकर व्यक्ति पाप करता है क्रोध करता है अहंकार करता है इसलिए परेशान रहता है भगवान श्री कृष्ण ने श्रीमद्भागवत गीता में कहा कि हमें अच्छे और सच्चे कर्म करने चाहिए हिंदुओं के पांच प्राण हैं गौ गंगा गीता गायत्री और गोपाल हमें निरंतर भारतीय संस्कृति की ओर चलना चाहिए और कृष्ण भक्ति करनी चाहिए बच्चों को अच्छे संस्कार देने चाहिए आज बच्चों को अच्छे संस्कार देने की बहुत आवश्यकता है भगवान श्री कृष्ण ने भी गुरुकुल में अध्ययन किया और शिक्षा पाई भगवान श्री कृष्ण ने गौमाता की बहुत सेवा की श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से समाज को नई दिशा नया चिंतन मिलता है श्रीमद्भागवत मृत्यु सुधारती है और श्रीरामचरितमानस जीवन जीना सिखाती है गीता कर्म की शक्ति भक्ति की शक्ति प्रदान करती है आज कथा में आचार्य नरेश शास्त्री आचार्य संदीप शास्त्री महेंद्र भटनागर प्रदीप चौहान सुलक्ष्णा सेमवाल चित्रा गोयल राधा भटनागर मोनिका आदिति सेमवाल राम कुमार गुप्ता नरेंद् भारद्वाज विकास शर्मा नितिन शर्मा आदि उपस्थित थे कथा 22 नवंबर से 28 नवंबर तक चलेगी