धर्म की परिभाषा सेवा कार्यों से होती है, असली धर्म मानवता की सेवा करना: गौरव गोयल, देवाश्रम में आयोजित आत्मीय स्नेह मिलन समारोह का आयोजन
रुड़की । सिविल लाइंस स्थित देवाश्रम में आयोजित आत्मीय स्नेह मिलन समारोह का उद्घाटन मेयर गौरव गोयल द्वारा फीता काटकर किया गया।अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि धर्म की परिभाषा सेवा कार्यों से होती है। असली धर्म वही है जो मानव कल्याण के काम आए तथा निर्धन,असहाय एवं समाज में दिव्यांग जैसे लोगों की भलाई के लिए कार्य करें। हमें अपने से पहले दूसरों के हित के बारे में सोचना चाहिए तथा पीड़ित व दिव्यांग भाइयों की सहायता के लिए नारायण सेवा संस्थान में अधिक से अधिक सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नारायण सेवा संस्थान लंबे समय से दूसरों की मदद के लिए सेवा का कार्य करती आ रही है,जो सराहनीय है। प्रोफेसर डॉक्टर नवनीत ने कहा कि उदयपुर की यह संस्था दिव्यांग लोगों के लिए लंबे समय से सेवा का कार्य कर रही है। उन्होंने इस संस्थान के निरंतर आगे बढ़ने की कामना की तथा संस्थान को अपनी शुभकामनाएं दी। उदयपुर से कार्यक्रम में पधारे नारायण सेवा संस्थान के विनोद जी मेनारिया द्वारा कार्यक्रम में पधारे सभी दानदाताओं को मेवाड़ी पगड़ी तथा पटका पहना कर सम्मानित किया गया। उन्होंने बताया कि नारायण सेवा संस्थान विगत 35 वर्षों से दिव्यांग लोगों के लिए निशुल्क ऑपरेशन करने के साथ ही उन्हें यंत्र भी उपलब्ध कराती है,वहीं उन्होंने बताया कि विगत वर्ष कोरोना काल में संस्थान की ओर से लगभग बीस हजार जरूरतमंद लोगों को राशन कीट भी वितरित की गई।इस अवसर पर कार्यक्रम प्रभारी मुकेश जोशी, राम सिंह चुंडावत, विनोद लोहार, अमित शर्मा, दीपक शर्मा, आलोक सैनी आदि मौजूद रहे।