स्वस्थ व्यक्ति और डायबिटिक पेशेंट का कितना होता है टारगेट ब्लड शुगर? जानिए नियंत्रित रखने के उपाय
मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों के ब्लड शुगर लेवल को कई तरह की भ्रांतियां हैं। ऐसे में लोगों के पास गलत जानकारियां मौजूद होने कारण कई बार वह नॉर्मल ब्लड शुगर और बढ़े हुए रक्त शर्करा के स्तर में अंतर नहीं कर पाते हैं। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस बात को लेकर अक्सर जोर देते हैं कि स्वस्थ व्यक्ति और डायबिटिक पेशेंट के ब्लड में शुगर का लेवल अलग अलग होता है। चूंकि इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए चिकित्सक सही ब्लड शुगर से सम्बंधित एक चार्ट भी देते हैं। बता दें कि इस चार्ट के मुताबिक रोजाना अपने ब्लड शुगर के स्तर की जांच करके उससे मिलान करके आसानी से देख सकता है कि उसका ब्लड शुगर लेवल सही है या नहीं।
भोजन से पहले: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार एक स्वस्थ व्यक्ति का टारगेट ब्लड शुगर लेवल 100 mg/dl से कम होना चाहिए। जबकि, डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तियों का ब्लड शुगर लेवल 80-130 mg/dl तक होना चाहिए।
भोजन के 1-2 घंटे बाद: हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक स्वस्थ व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल 140 mg/dl से कम होना चाहिए तो वहीं मधुमेह से ग्रस्त मरीजों का ब्लड शुगर लेवल 180 mg/dl से कम होना चाहिए।
बीते तीन महीने में ब्लड शुगर लेवल का A1C लेवल: HbA1c यानी हीमोग्लोबिन A1c। यह लैब में होने वाला एक ब्लड टेस्ट होता है, जो डॉक्टर की सलाह पर कम से कम तीन महीनों के अंतराल में कराया जाता है। कई शोध के मुताबिक माना गया है कि बिना डायबिटीज वाले एक स्वस्थ व्यक्ति का HbA1c लेवल 4.0% से 5.6% तक होता है। वहीं 5.7 से 6.4% का मतलब डायबिटीज का जोखिम है (प्री-डायबिटीज), जबकि 6.5% या इससे बढ़ा हुआ होने पर (दो अलग-अलग टेस्ट पर) डायबिटीज माना जाता है।
ब्लड शुगर नियंत्रित करने के उपाय: डायबिटीज का पता चलते ही सबसे पहले व्यक्तियों को कार्ब्स को पूरी तरह से बंद नहीं करना चाहिए। इसके अलावा अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। साथ ही एक्सरसाइज या कोई फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें। अधिक से अधिक फाइबर युक्त पदार्थों का सेवन करें। वहीं ध्यान रखें की ऐसी स्थिति में अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। ऐसा इसलिए जरुरी है क्योंकि मधुमेह से पीड़ित हर मरीज की स्थिति एक दूसरे से भिन्न होती है। ऐसे में कुछ भी आजमाने से पहले डॉक्टर की सलाह अनिवार्य है।