जलभराव की समस्या के समाधान के उपाय खोजे गए, जिलाधिकारी ने जलभराव से प्रभावित क्षेत्र के बारे में महत्वपूर्ण बैठक ली

हरिद्वार । जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को कलक्ट्रेट सभागार में अतिवृष्टि के कारण जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में हुये जल भराव आदि के सम्बन्ध में एक बैठक आयोजित हुई।

बैठक में अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में हुये जल भराव के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। जिलाधिकारी को बैठक में स्वयं सेवी संस्थाओं ने भूपतवाला वार्ड नम्बर-1 के पास नाले के कम चैड़े होने की वजह से होने वाले जल भराव के सम्बन्ध में अवगत कराया,रतनमणि डोभाल ने जल भराव वाले क्षेत्रों में जगह-जगह स्वास्थ्य शिविर लगाये जाने का अनुरोध किया, स्वयं सेवी संस्था आस्था सेवा संस्थान ने रूड़की के किन-किन क्षेत्रों में जल भराव हुआ, उसके बारे में बताया, आदर्श सेवा संस्थान मोहम्मदपुर ने सोलानी नदी में बने बन्धे की ऊंचाई बढ़ाने का अनुरोध किया। इसी प्रकार खानपुर, लक्सर, भगवानपुर, सिकरौढा आदि के आपदा मित्रों ने भी अपने-अपने क्षेत्रों में जल भराव के दौरान उन्हें जो अनुभव हुये तथा इलाके में कहां पर किस तरह की व्यवस्था करने से जल भराव से निजात पाई जा सकती है, के सम्बन्ध में अपने-अपने अनुभव साझा किये। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि आपने जो महत्वपूर्ण सुझाव दिये हैं, उन्हें जल्दी ही कार्यरूप में परिणत किया जायेगा।
जिलाधिकारी द्वारा बैठक में राजाजी नेशनल पार्क के अधिकारियों से मंशादेवी पहाड़ी के जगह-जगह पर हो रहे भूस्खलन के सम्बन्ध में जानकारी लेने पर राजाजी नेशनल पार्क के अधिकारियों ने बताया कि इस सम्बन्ध में रेलवे के अधिकारियों से भी बातचीत चल रही है, क्योंकि इस भूस्खलन से रेलवे के ट्रैक पर भी मलवा आ जा रहा है तथा जल्दी ही इसका समाधान किया जायेगा।
बैठक में जिलाधिकारी ने एक-एक करके जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों के सभी अधिकारियों से जल भराव के कारण व निवारण के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी ली। इस पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पानी की निकासी में जहां पर भी नालों, तालाबों आदि में किसी भी तरह का अतिक्रमण हो, उसे चिह्नित कर तुरन्त हटाया जाये तथा इस तरह का कोई भी व्यवधान बिल्कुल भी सहन नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि समस्या की मुख्य जड़ क्या है, सबसे पहले उसकी तह में जायें। उन्होंने कहा कि जल भराव की समस्या को दूर करने में आपको जो भी कदम उठाने हैं, उन्हें तुरन्त उठाया जाये, जिसके लिये बजट की कहीं पर भी कोई दिक्कत नहीं है, बशर्ते जो भी आप कार्य करायें, उसका फोटो तथा वीडियो, उस कार्य के औचित्य को सिद्ध करते हुये प्रस्तुत करना सुनिश्चित करे।
बैठक में जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को युद्ध स्तर पर जल भराव वाले क्षेत्रों में नियमित रूप से दवाओं का छिड़काव करने तथा स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने केे निर्देश दिये। इसके अतिरिक्त बैठक में अपर रोड के पास भूरे की खोल, जिससे विष्णुघाट में मिट्टी व मलबा भर गया था आदि के सम्बन्ध में भी विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।
अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) ने बैठक में अवगत कराया कि जनपद के हरिद्वार शहर, रूड़की तथा भगवानपुर के ड्रेनज सिस्टम के सम्बन्ध में योजना तैयार करने के लिये मुम्बई की फर्म फीड बैक इंफ्रा को कहा गया था, जिसके प्रथम चरण में फर्म ने हरिद्वार के ड्रेनेज सिस्टम का खाका तैयार कर लिया है। इस पर जिलाधिकारी ने फर्म द्वारा हरिद्वार का क्या डेªनेज सिस्टम तैयार किया है, जानकारी लेने पर फर्म के अधिकारियों ने आन लाइन हरिद्वार के ड्रेनेज सिस्टम के सम्बन्ध में बताया कि हरिद्वार शहर को अपर हरिद्वार तथा लोअर हरिद्वार दो जोनों में बांटा गया है, उसी अनुसार योजना तैयार की गयी है। उन्होने भगत सिंह चैक, रानीपुर मोड़ तथा उसके आसपास जो जल भराव होता है, के सम्बन्ध में भी विकल्प प्रस्तुत करते हुये प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी, जिस पर सम्बन्धित विभाग के विशेषज्ञ अधिकारियों ने बैठक में व्यापक विचार-विमर्श किया। फर्म द्वारा प्रस्तुत प्रस्तुतीकरण के बाद जिलाधिकारी ने फर्म के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे इसकी डीपीआर शीघ्रातिशीघ्र प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, सचिव एचआरडीए उत्तम सिंह चौहान, संयुक्त मजिस्ट्रेट भगवानपुर आशीष मिश्रा, संयुक्त मजिस्ट्रेट रूड़की अभिनव शाह, एसडीएम पूरण सिंह राणा, एमएनए दयानन्द सरस्वती, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ0 मनीष दत्त, मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाॅ0 योगेश शर्मा, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई सुश्री मंजू, अधिशासी अभियन्ता जल संस्थान मदन सेन, अधिशासी अभियन्ता जल निगम राजेश गुप्ता, परियोजना निदेशक गंगा अनुरक्षण ईकाई, उप निदेशक राजाजी नेशनल पार्क, आपदा प्रबन्धन अधिकारी सुश्री मीरा रावत, खण्ड विकास अधिकारी बहादराबाद, रूड़की, नारसन, भगवानपुर, लक्सर, खानपुर, समस्त अधिशासी अधिकारी नगरपालिका परिषद/नगर पंचायत, स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधिगण सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।

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