भगवान शिव की पूजा करने से मनुष्य को अकाल मृत्यु का भय नहीं होता, रुड़की में कथा शुरू होने से पूर्व निकाली गई कलश यात्रा
रुड़की । पुरानी तहसील स्थित ज्योतिष गुरुकुलम् में श्रावण अधिक मास के पावन पर्व पर श्रीशिव महापुराण कथा प्रारंभ हुई। कथा प्रारंभ होने से पहले प्रातः काल कलश यात्रा निकाली गई,जो श्रीसोना देवी शिव मंदिर से प्रारंभ होकर बाद में ज्योतिष गुरुकुलम पर सपन्न हुई। कथा व्यास आचार्य रमेश सेमवाल ने कहा कि श्रावण अधिक मास बहुत पुण्यवान महीना है,जिसमें हरि और हर का पूजन का विशेष महत्व है। यानी श्रीशिव और नारायण की पूजा का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि शिवपुराण की कथा सुनने मात्र से करोड़ों जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं।
व्यक्ति को भगवान महादेव की कृपा प्राप्त हो जाती है और देवाधिदेव महादेव संसार के कल्याण के लिए जहर का पान करते हैं।विष का पान करते हैं और गले में धारण कर लेते हैं। नीलकंठ कहलाते हैं।भगवान शंकर सब का कल्याण करते हैं।आचार्य सेमवाल ने कहा कि भगवान शंकर शांति के प्रतीक हैं,जिसको भी जीवन में शांति चाहिए वह शिव की साधना करें।भगवान शिव के सिर पर चंद्रमा विराजमान है।जटाओं में गंगा विराजमान है। भगवान जलाभिषेक से प्रसन्न हो जाते हैं।शिव इसलिए हमें निरंतर भगवान शिव की आराधना,उपासना,साधना करनी चाहिए।उन्होंने बताया कि आगामी आठ अगस्त तक ज्योतिष गुरुकुलम में कथा चलेगी। शिव कल्याणकारी देव हैं,इसीलिए महादेव कहलाते हैं। महादेव की उपासना जीवन में शक्ति देती है।भक्ति और शांति देती है।महामृत्युंजय उपासना से शरीर एक रोग शांत होते हैं। ओम् नमः शिवाय का जाप करने से संपूर्ण कष्ट दूर होते हैं।पंचाक्षरी मंत्र का बहुत बड़ा महत्व है।बेल पत्री चढ़ाने से शिव प्रसन्न हो जाते हैं,इसलिए हमें निरंतर शिव की साधना करनी चाहिए। कलश यात्रा में सुलक्ष्णा सेमवाल,राधा भटनागर,रितु कारवाल,चित्रा गोयल,मीनू गोयल,प्रतीक्षा वर्मा,नीरा वर्मा,सोनम शर्मा,आदिति सेमवाल,नरेंद्र भारद्वाज,संजीव शास्त्री,इंद्रमणि सेमवाल,गौरव वर्मा,मनु भटनागर,विकास शर्मा आदि उपस्थित रहे।