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अपात्र व्यक्ति अपने राशन कार्ड सरेंडर करें, पात्र परिवारों के राशन कार्ड ही होंगे मान्य: डीएम विनय शंकर पाण्डेय

हरिद्वार l जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने सर्वसाधारण को सूचित करते हुए अवगत कराया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत अपात्र राशनकार्डधारकों को योजना से बाहर करने तथा उनके स्थान पर पात्र परिवारों को अन्त्योदय एवं प्राथमिक परिवार योजना में सम्मिलित किये जाने के संबंध में अपात्र को ना- पात्र को हॉ” अभियान के अन्तर्गत अन्त्योदय / प्राथमिक परिवार के राशनकार्डो को 31 मई तक समर्पित किया जाना है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अन्तर्गत आय के आधार पर कार्डधारकों की पात्रता के मानक – 1- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (सफेद राशन कार्ड)- ऐसे परिवार जिनकी मासिक आय रूपये 15000/- से कम हो। 2- अन्त्योदय अन्न योजना (गुलाबी राशनकार्ड)- ऐसे परिवार जिसके किसी भी सदस्य को दिव्यांग पेंशन हेतु पात्रता की श्रेणी में रखा गया है तथा परिवार की मासिक आय रूपये 4000/- से कम हो, जनपद के गरीब निर्बल वर्ग जो पूर्व से अन्त्योदय योजना में निहित है के साथ ऐसे परिवार जिनका संचालन मुखिया के तौर पर विधवा महिला असाध्य रोग से पीड़ित व्यक्ति विकलांगता से पीडित अथवा 60 वर्ष की आयु के निराश्रित हो जिनकी आय का साधन न हो।जिलाधिकारी ने यह भी अवगत कराया है कि शासन द्वारा अपात्र परिवारों के राशनकार्डो को निरस्त किये जाने हेतु “अपात्र को ना – पात्र को हॉ” अभियान चलाया गया है, जिसके अन्तर्गत ऐसे राशनकार्डधारक जो उपरोक्त मानकों को धारित नहीं करते है वह दिनांक 31 मई तक अपना राशनकार्ड स्वेच्छा से जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय / क्षेत्रीय खाद्य कार्यालय / पूर्ति निरीक्षक कार्यालय / खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय में समर्पित कर दे। साथ ही कोई भी व्यक्ति हैल्पलाईन नं0 1967′ पर किसी भी कार्य दिवस में 10 बजे से 5 बजे के मध्य अपात्र राशनकार्डधारक के सम्बन्ध में साक्ष्य सहित अपनी सूचना / शिकायत दर्ज करा सकते है, इसके अतिरिक्त अपने जनपद स्थित तहसील आपूर्ति कार्यालयों एवं जनपद स्तर पर जिला पूर्ति कार्यालय में भी साक्ष्य सहित सूचना / शिकायत दर्ज करा सकते है।जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि दिनांक 31 मई के उपरान्त यदि कोई लाभार्थी / राशनकार्डधारक अपात्र पाया जाता है तो उसके विरूद्ध राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत (यथा आवश्यकता प्रथम सूचना रिपोर्ट / वसूली) संबंधी कठोर कार्यवाही अमल में लायी जा सकती है।

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