उत्तराखण्ड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित

देहरादून । मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की उपस्थिति में सचिवालय में उत्तराखण्ड पर्यटन विकास बोर्ड एवं मुख्यालय उत्तरी सीमांत, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के मध्य उत्तराखण्ड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किया गया है । मुख्य सचिव ने जानकारी दी कि भारत सरकार के फ्लैगशिप प्रोजेक्ट वाईब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत सीमावर्ती क्षेत्र के गांवों के सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता दी गई है।

साथ ही ग्रामीणों की आजीविका हेतु संसाधन उपलब्ध कराना भी मुख्य उद्धेश्य है। उत्तराखण्ड पर्यटन विकास बोर्ड द्वारा सीमांत क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु सीमांत क्षेत्र में हेली सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। उत्तराखण्ड के सीमांत क्षेत्र में प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल जैसे कि आदि कैलाश, ओम पर्वत, तिम्मरसैंण महादेव इत्यादि स्थित हैं। जहां दुर्गम रास्तों के कारण पर्यटकों को पहुंचने में असुविधा होती है। इन सभी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा पर्यटकों को हेली सुविधा उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया है। जिसमें भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल के कार्यक्षेत्र में उपलब्ध हेलीपैडों का उपयोग किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त वाईब्रेंट विलेज में रहने वाले ग्रामीणों को आपातकालीन चिकित्सा की आवश्यकता पड़ने पर दवाइयां उपलब्ध करवाने एवं हेली द्वारा हायर सेंटर ले जाने हेतु भी इन हेलीपैड का उपयोग किया जाएगा। ज्ञात हो कि उत्तराखण्ड में तीन सीमांत जनपदों (उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़) में भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल की अग्रिम चौकियों में तैनाती है। इस अवसर पर सचिव सचिन कुर्वे, संजय गुंज्याल महानिरीक्षक, उत्तरी सीमांत, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल, एवं उत्तराखण्ड पर्यटन विकास बोर्ड एवं आईटीबीपी के आने अधिकारी उपस्थित रहे।

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