शिक्षा के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते: प्रेमचंद अग्रवाल, शिक्षक दिवस पर विधानसभा अध्यक्ष ने किया शिक्षकों को किया सम्मानित

ऋषिकेश । शिक्षक दिवस के अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने आज विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्यों को सम्मानित किया।इस अवसर पर महान विद्वान, प्रखर राजनीतिविद तथा श्रेष्ठतम शिक्षकों में शुमार देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को “शिक्षक दिवस” के रूप में मनाकर उनके प्रति अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। बैराज स्थित कैंप कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने शिक्षकों को शॉल ओड़ाकर एवं माल्यार्पण कर सम्मानित किया। इस अवसर पर पंजाब सिंध क्षेत्र इंटर कॉलेज ऋषिकेश के प्रधानाचार्य ललित किशोर शर्मा, वेद महाविद्यालय ऋषिकेश के प्राचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल, भरत मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य गोविंद सिंह रावत, राजकीय इंटर कॉलेज आईडीपीएल के प्रधानाचार्य रमा शंकर विश्वकर्मा, रीता इंटर कॉलेज गढ़ी श्यामपुर के प्रधानाचार्य श्रीकृष्ण भट्ट, राजकीय इंटर कॉलेज खदरी श्यामपुर के प्रधानाचार्य रणवीर सिंह पुंडीर, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य रचना अग्रवाल, राजकीय इंटर कॉलेज रायवाला के प्रधानाचार्य अनुज थपलियाल, सत्येश्वरी मेमोरियल इंटर कॉलेज रायवाला के प्रधानाचार्य आर पी मैठाणी, सत्यमित्रानंद इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य अजय शेखर बहुगुणा, हरीश चंद्र बालिका इंटर कॉलेज ऋषिकेश की प्रधानाचार्य पूनम रानी शर्मा, दून इंस्टीट्यूट एजुकेशन असिस्टेंट प्रोफ़ेसर गणेश रावत को सम्मानित किया।इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने जरूरतमंद लोगों को राशन सामग्री एवं सैनिटाइजर मास्क भी वितरित किए। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन एक विद्वान और बहुत बड़े शिक्षक थे। उन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में अपने दायित्वों को पूरा किया। शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान अतुलनीय है, उनके शिक्षा के प्रति लगन और शिक्षकों के प्रति आदर को देखते हुए उनके जन्म दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। विधानसभा अध्यक्ष ने सभी शिक्षकों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डा. राधाकृष्णन के जीवन तथा कार्यों से प्रेरणा प्राप्त करके शिक्षकगण पूर्ण निष्ठा एवं समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करते रहें। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि कि वे राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी को बढ़ाएं तथा देश की भावी पीढ़ी को इस तरह तैयार करें कि उनके मन में देशप्रेम, भाईचारा, सद्भाव की भावना जगे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का स्थान हमारे माता-पिता से भी ऊपर होता है। शिक्षा के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। सभी छात्रों को निस्वार्थ भाव से एक शिक्षक ही शिक्षा प्रदान कर सकता है। शिक्षक ईश्वर का दिया हुआ वह उपहार है जो हमेशा से ही बिना किसी स्वार्थ और भेद-भाव रहित व्यवहार से बच्चों को सही-गलत और अच्छे-बुरे का ज्ञान कराता है। इस अवसर पर अनीता तिवारी, सरोज डिमरी, विमला रावत, सुमित सेटी, पूर्णिमा तयाल, दुर्गेश जाटव सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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