गोशाला में आग लगने से 47 बकरियां मरी, बकरी पालक वृद्ध भी झुलसा, महिपत की आजीविका का एकमात्र सहारा बकरियां ही थी

देहरादून । सीमांत जनपद चमोली के कुमाऊं सीमा से लगे देवाल विकासखंड के बेराधार गांव में गोशाला (गोठ) में आग लगने से 47 बकरियां जलकर मर गई। इस घटना में वृद्ध बकरी पालक भी मामूली रूप से झुलस गया। सुबह 5 बजे करीब ग्रामीण उठे तो देखा कि बेराधार गांव निवासी वृद्ध की गोशाला से आग की तेज लपटें आ रही है। ग्रामीणों ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन वह तेज होती गई। इस बीच, ग्रामीणों ने किसी तरह 76 वर्षीय बुजुर्ग पशुपालक महिपत सिंह को बाहर निकाला, जिससे उसकी जान बच गई। आग की इस घटना में उसकी 47 बकरियां जल मरी। महिपत सिंह की आजीविका का एकमात्र सहारा बकरियां ही थी। सभी बकरियों की मौत हो जाने से महिपत बेहोश हो गया। ग्रामीणों ने उसका प्राथमिक उपचार कराया और घटना की सूचना थराली तहसील को दी। तहसीलदार अर्जुन सिंह का कहना है कि ठंड से बचने के लिए वृद्ध बकरी पालक महिपत सिंह ने अलावा जलाया था और संभवत: उसकी आंख लग गई। इसी दौरान गोशाला ने आग पकड़ ली और बकरियां जल मरी। पशुचिकित्सक नितिन बिष्ट ने बताया मृत बकरियों का चिकित्सकीय परीक्षण किया गया है। गांव के सामाजिक कार्यकत्र्ता तेजपाल ङ्क्षसह रावत ने बताया महिपत अकेले ही गांव में रहते हैं। आग से बकरियों के साथ-साथ उनका हजारों रुपये के सामान के अलावा पांच हजार रुपये की नकदी भी जली है। उन्होंने प्रशासन से महिपत को आर्थिक सहायता देने की फरियाद की, ताकि वृद्ध अपना गुजारा कर सके।

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