सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना की जाएगी, आईआईटी रूड़की ने अनुसंधान एवं प्रशिक्षण में आपसी सहयोग के लिए एनपीटीआई के साथ साईन किया एमओयू

रुड़की। आईआईटी रूड़की और नेशनल पावर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एनपीटीआई) ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी के तहत आईआईटी रूड़की के ग्रेटर नोएडा एक्सटेंशन सेंटर (जीएनईसी) में हरित हाइड्रोजन के आपूर्ति श्रृंखला प्रबन्धन में अनुसंधान एवं कन्सलटेन्सी हेतु सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना की जाएगी।

समझौता ज्ञापन के तहत एनपीटीआई और आईआईटी रूड़की, आईआईटी रूड़की सहारनपुर (यूपी) कैम्पस में मध्यम आकार के पैलेट निर्माण प्लांट की स्थापना करेंगे, जहां पैलेट निर्माण एवं पावर प्लांट्स में इनकी उपयोगिता को दर्शाने के लिए अनुसंधान और प्रशिक्षण प्रोग्रामों का संचालन किया जाएगा।
प्रोफेसर के.के. पंत, डायरेक्टर आईआईटी रूड़की ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि एनपीटीआई और आईआईटी रूड़की अनुसंधान एवं विकास के माध्यम से समाज पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करने के लिए कार्यरत हैं यह देखकर अच्छा लगता है कि दोनों संस्थानों ने इसके लिए अनुसंधान एवं अकादमिक गतिविधियों के महत्व को पहचाना। इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से हम अपनी क्षमताओं एवं संसाधनों का लाभ उठाकर समाज कल्याण में योगदान देना चाहते हैं और खासतौर पर हरित हाइड्रोजन सहित विश्वस्तरीय चुनौतियों को हल करने के लिए प्रयासरत हैं।’’
इस अवसर पर डॉ तृप्ता ठाकुर, डीजी, एनपीटीआई ने कहा, ‘‘आईआईटी रूड़की के साथ हमारी साझेदारी हरित हाइड्रोजन में अनुसंधान एवं कन्सलटन्सी की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को सशक्त बनाएगी, जो एनर्जी सेक्टर का भविष्य हैं। यह साझेदारी दोनों संस्थानों की विशेषज्ञता एवं संसाधनों का उपयोग कर सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स के निर्माण में योगदान देगी। यह सेंटर पेशेवरांं को प्रशिक्षण देकर उद्योग जगत की मांगों को पूरा करने में मदद करेगा।’
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह में एन.आर. हल्दर, डायरेक्टर ट्रेनिंग, एनपीटीआई, डॉ महेन्द्र सिंह, डिप्टी डायरेक्टर- एनपीटीआई, श्री राहुल पाण्डेय, असिस्टेन्ट डायरेक्टर- एनपीटीआई और आईआईटी रूड़की के अन्य सदस्य जैसे प्रोफेसर यू पी सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी, डीन एसआरआईसी, प्रोफेसर वी. सी. श्रीवास्तव, डीन इंटरनेशनल रिलेशन्स, प्रोफेसर कौशिक घोष, प्रोफेसर आर बालासुब्रमण्यम, रवि चौहान और विशाल तिवारी मौजूद रहे।

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