भागवत की कथा के सुनने से होती है मोक्ष की प्राप्ती, पुरानी तहसील स्थित ज्योतिष गुरुकुलम में श्रीमद् भागवत कथा शुरू होने से पूर्व निकाली गई कलश यात्रा
रुड़की। पुरानी तहसील स्थित ज्योतिष गुरुकुलम में श्रीमद् भागवत कथा प्रारंभ हो गई है। पितृपक्ष में श्रीमद् भागवत कथा सुनने मात्र से कल्याण होता है। कथा शुरू होने से पूर्व कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा में मातृशक्ति ने भाग लिया। सैकड़ो महिलाओं ने कलश सर पर रखकर यात्रा प्रारंभ की। कलश यात्रा ज्योतिष गुरुकुलम से प्रारंभ होकर मेंन बाजार होते हुए लक्ष्मी नारायण मंदिर गंगा घाट पहुंची मां गंगा का विशेष पूजन किया गया।जिसमे राष्ट्र कल्याण की कामना की गई भागवत जी का विशेष पूजन किया गया मां गंगा को दूध अर्पण किया गया गंगा घाट से कलश यात्रा ज्योतिष गुरुकुलम में पूर्ण हुई कथा व्यास आचार्य रमेश सेमवाल महाराज ने कहा कि पितृपक्ष में भागवत कथा करने से सुनने से कल्याण होता है। पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है शांति मिलती है भगवान श्री नारायण की विशेष कृपा प्राप्त होती है पितृपक्ष में पितरों का विशेष पूजन करने का महत्व है तर्पण का महत्व है पिंडदान का महत्व है। ब्राह्मण भोजन का महत्व है गोभोजन का महत्व है कौवा को भोजन देने का महत्व है चीटी को भोजन देने का महत्व है कुत्ते को भोजन देने का महत्व है अग्नि को भोजन देने का महत्व है। हिंदू धर्म महान है जीव जंतु में प्राण है सबको भजन देना हिंदू धर्म में सिखाया जाता है जीव मात्र में भगवान का वास है । मृत्यु के बाद भी जीव के लिए श्राद्ध की परंपरा हिंदू सनातन धर्म में है इसलिए पितृपक्ष में अपने माता-पिता दादा दादी के लिए पितृ श्राद्ध अवश्य करना चाहिए। भागवत पुराण का तो बहुत बड़ा महत्व है। पितृपक्ष में भागवत पुराण सुनने मात्र से पितरों को शांति मिलती है मनुष्यों को निरंतर भगवान नारायण की पूजा करनी चाहिए । भागवत कथा का श्रवण करने मात्र से पितरों का उद्धार हो जाता है अपने पितरों के उद्धार के लिए भागवत कथा अवश्य करनी चाहिए। विशेष कर पितृ पक्ष में भागवत कथा का बहुत बड़ा महत्व है भागवत पुराण में लिखा हुआ है परीक्षित जी ने 7 दिन तक भागवत कथा शुकदेव जी से सुनी और उनका कल्याण हुआ 7 दिन तक निरंतर शुकदेव जी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा सुनाई परीक्षित जी ने सुनी और उनको मोक्ष प्राप्त हुआ इसलिए कलयुग में निरंतर भागवत कथा सुनाई चाहिए नारायण का पूजन करना चाहिए गौ सेवा करनी चाहिए माता-पिता की जीते जी सेवा करनी चाहिए। कलश यात्रा में राधा भटनागर, सुलक्षणा सेमवाल, चित्र गोयल, परीक्षा, पूजा वर्मा, रजनी वर्मा, निशा, कमलेश और अन्य भक्तजन उपस्थित रहे।