पत्ती से लेकर छाल तक नीम का पेड़ है गुणों की खान, जानिए नीम के चमत्कारी फायदे
नई दिल्ली । सर्व रोग निवारिणी, ये नीम का दूसरा नाम है। कहते हैं कि ऐसा कोई रोग नहीं है जिसका इलाज नीम न कर सकती हो। भारतीय पेड़ों में नीम को चमत्कारी माना जाता है। हर जगह आसानी से उग जाता है और साल भर अपनी नेमत बरसाता है। इसके फल, फूल, पत्तियां, तना और छाल सबके अलग-अलग गुण हैं। हिंदू मान्यता के मुताबिक यह मां दुर्गा का स्वरूप है जो हर तकलीफ को दूर कर देता है। ये सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देता है और रोगाणुओं को खत्म करता है। अगर अपने आंगन या घर के आजू-बाजू एक नीम रोप दें तो बड़ा होकर समझ लीजिए एक डॉक्टर आपके परिवार की देखरेख खुद ब खुद कर रहा है। वैसे तो आप में से कई लोगों को नीम के गुणों के बारे में पता होगा, लेकिन शायद आपको ये नहीं मालूम होगा कि नीम कैंसर जैसी जटिल बीमारी का भी तोड़ है। कई तरह के कैंसर में नीम का प्रयोग किया जाता है, जो लाभकारी भी होता है। ऐसी ही कुछ नीम से जुड़े फायदेमंद गुणों की खान का लेखा-जोखा हम आपके लिए लेकर आए हैं।
नीम…गुणों की खान
- इसमें भरपूर मात्र में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो त्वचा पर उम्र के असर को कम करते हैं।
- नीम की पत्तियों और बीजों का सत्व डायबिटीज और रक्तचाप नियंत्रित करने में सक्षम है।
- नीम की पत्तियों के रस का सेवन करने से लिवर मजबूत रहता है।
- इसके बीज, फल, फूल में ट्यूमर रोधी गुण पाए जाते हैं जो कई प्रकार के कैंसर को खत्म करने में मददगार हैं।
- नीम की दातुन दांतों और मसूड़ों के लिए सबसे अच्छी दवा मानी जाती है।
- नीम की पत्तियों को उबालकर ठंडे किए गए पानी से नहाने से त्वचा हर प्रकार के संक्रमण से सुरक्षित रहती है।
- इस पानी से बाल धोने से डैंड्रफ की समस्या भी दूर होती है।
- नीम की सूखी पत्तियां जलाकर धुआं करने से मच्छर पास भी नहीं फटकते, जो इस मौसम में नाक में दम कर देते हैं।
- कपड़ों में नीम की पत्तियां या नीम के तेल की गोलियां रखने से कपड़े नमी से खराब नहीं होते।
- अनाज में नीम के पत्ते रखने से कीड़े नहीं लगते।
मिट्टी के लिए भी गुणकारी
वानिकी और कृषि पर आधारित संस्कृत पुस्तक उपवन विनोद में नीम को बीमार मिट्टी, पौधों और मवेशियों के लिए गुणकारी बताया गया है। नीम के बीजों में से तेल निकालने के बाद जो खली बचती है उसे चारे के तौर पर पशुओं को खिलाया जाता है, जबकि इसकी पत्तियां मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाती हैं।
यथा नाम तथा गुण
संस्कृत में इसके कई नाम हैं। अरिष्ट का अर्थ है संपूर्ण और अविनाशी। दूसरा नाम है निम्ब जिसे ‘निम्बति स्यास्थ्यमददाती’से लिया गया है जिसका मतलब है ‘अच्छी सेहत देना’। पिंचुमाडा नाम का मतलब है लकवे और त्वचा रोगों का इलाज करने वाला। नीम को ‘चालीस का पेड़’ नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह चालीस तरह के रोगों का प्रभावी इलाज करता है। यूनानी विद्वानों ने इसे शजर-ए-मुनारक यानी मुबारक पेड़ नाम दिया। फारसी विद्वानों ने इसे आजाद दरख्त ए हिंद यानी देश का आजाद पेड़ नाम दिया।
धार्मिक मान्यताएं
कहते हैं कि देवराज इंद्र ने जब धरती पर अमृत छिड़का तो इससे नीम के पेड़ का जन्म हुआ और इसमें चमत्कारी गुण आ गए। दूसरी मान्यता है कि इसमें शीतला मां का निवास है।