5 घंटे से कम सोने वाले लोग तुरंत हो जाएं सावधान, कभी भी हो सकती है मौत
दिनभर में 5 घंटे से कम सोने वाले लोग तुरंत सावधान हो जाएं. ऐसा करने से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (दिल से जुड़ी बीमारियां) का खतरा बढ़ जाता है. यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित एक नया अध्ययन में बताया गया है कि दिन में 5 घंटे से कम सोना आपके दिल को खतरे में डालता है और पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (पीएडी) के विकास की ओर ले जाता है. इसके अलावा, कम सोने के कारण हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा और अन्य दिल से जुड़ी समस्याएं हो सकती है.
पेरिफेरल आर्टरी डिजीज क्या है
पेरिफेरल आर्टरी डिजीज तब होती है जब प्लेक जमा होने के कारण हाथ और पैरों की धमनियां संकरी हो जाती हैं. यह एथेरोस्क्लेरोसिस के प्रमुख लक्षणों में से एक है, जिसमें फैट जमा होने के कारण पैरों और हाथों में खून के फ्लो में रुकावट आती है. पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के लक्षण निचले पैर में सुन्नता या ठंडक, पैरों में कमजोर नाड़ी, कूल्हों में दर्दनाक ऐंठन, पैरों में त्वचा का रंग बदलना, पैरों पर घाव जो पूरी तरह से ठीक नहीं होते हैं और पैरों पर बालों का झड़ना है.
6.50 लाख लोगों पर किया शोध
अध्ययन दो भागों में बड़े पैमाने पर किया गया था. पहले चरण में, शोधकर्ताओं ने 650,000 प्रतिभागियों में पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के जोखिम के साथ नींद की अवधि और दिन के समय की झपकी के संबंध को समझने की कोशिश की. दूसरे चरण में, उन्होंने स्वाभाविक रूप से यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षण करने के लिए आनुवंशिक जानकारी का उपयोग किया. शोध में पाया गया कि 53,416 वयस्कों में कम घंटे सोने से पेरिफेरल आर्टरी डिजीज का खतरा बढ़ गया. अध्ययन के लेखक डॉ. युआन ने कहा कि परिणाम बताते हैं कि रात के समय कम नींद पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के विकास की संभावना को बढ़ा सकती है.
हाई बीपी और डायबिटीज का भी रहता है खतरा
इसके अलावा, कई और अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग दिन में 5 घंटे से कम सोते हैं उनमें हाई ब्लड प्रेशर, टाइप 2 डायबिटीज और मोटापा होने की संभावना अधिक होती है. ये स्थितियां दिल की बीमारी के लिए सभी प्रमुख जोखिम फैक्टर हैं. अपर्याप्त नींद से शरीर में सूजन हो सकती है, जिससे ब्लड वेसेल्स को नुकसान हो सकता है और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है. इसलिए, नींद को प्राथमिकता देना और अच्छे हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए हर रात 7-8 घंटे की अच्छी क्वालिटी वाली नींद का लक्ष्य रखना महत्वपूर्ण है.