उत्तराखंड में नगर निकायों में तीसरी बार बढ़ा प्रशासकों का कार्यकाल, इस बार नए बोर्डों के गठन तक जिलाधिकारियों के ही हवाले रहेंगे निकाय

देहरादून । प्रदेश में नगर निकाय के चुनाव को लेकर लगातार संशय बना हुआ है। पिछले कई महीनो से राज्य में निकायों चुनाव पर कसरत चल रही है, लेकिन सरकार अब तक इसकी औपचारिकताएं पूरी नहीं कर पाई। इधर, निकायों में तैनात प्रशासकों का कार्यकाल एक बार फिर अग्र्रिम आदेशों तक बढ़ा दिया गया है। इस संबंध में सचिव शहरी विकास विभाग नितेश झा की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। उत्तराखंड में एक दिसंबर 2023 को नगर निकायों के बोर्ड का कार्यकाल समाप्त हो गया था। ऐसे में जिलाधिकारियों को छह माह के लिए बतौर प्रशासक नियुक्त किया गया था। लेकिन यह अवधि भी 31 मई को समाप्त हो गई। इसके बाद पुन: तीन माह के लिए प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाया गया था। यह अवधि 2 सितंबर को समाप्त हो रही है। बीच में शनिवार-रविवार का अवकाश होने की वजह से शासन की ओर से 30 अगस्त को ही इसके आदेश कर दिए गए। आदेश में राज्य में प्राकृतिक आपदाओं की घटनाओं का हवाला दिया गया है। इसमें कहा गया है कि प्रदेश में मानसून सीजन में अतिवृष्टि, भूस्खलन, बादल फटना जैसी घटनाएं हो रही हैं। इसके अलावा ओबीसी सर्वे में समय लगने की संभावना है। इसलिए निकायों में प्रशासनिक शून्यता की स्थिति पैदा न हो, इसलिए विशेष परिस्थितियों में नगर निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल नए बोर्ड के गठन तक के लिए विस्तारित किया जा रहा है।

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