शिव महापुराण की कथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है: रमेश सेमवाल, निवर्तमान मेयर गौरव गोयल ने कथा में पहुंचकर लिया महाराज जी का आर्शीवाद
रुड़की । पुरानी तहसील स्थित ज्योतिष गुरुकुलम् मे कथाव्यास आचार्य रमेश सेमवाल जी महाराज ने कहा कि शिव महापुराण का पाठ करने से व्यक्ति का धार्मिक ज्ञान बढ़ता है और उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है।सावन माह में इसका पाठ करने से विशेष फल मिलता है,जिससे व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं तथा उसे शिवलोक में स्थान प्राप्त होता है।शिव महापुराण के माध्यम से व्यक्ति को ध्यान,भक्ति और निस्वार्थ कर्म का मार्ग मिलता है,जो उसे आध्यात्मिक प्रगति की ओर ले जाता है।कथा सुनने या पढ़ने से साधक का मानसिक और आध्यात्मिक विकास होता है।आचार्य रमेश सेमवाल जी महाराज ने साथ ही बेलपत्र का महत्व भी बताया।उन्होंने कहा की माता पार्वती के पसीने की बूंदें मंदर पर्वत पर जाकर गिरी और उन बूंदों से बेलपत्र के पेड़ की उत्पत्ति हुई थी।बेलपत्र शिव जी को अत्यंत प्रिय होते हैं।बेल पत्र ठंडक प्रदान करते हैं,इसलिए यह भी माना जाता है कि सावन पर बेलपत्र से पूजा करने वाले भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है।बेल वृक्ष के नीचे शिवलिंग की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं।बेलपत्र में विष निवारक गुण होते हैं,इसलिए उन्हें बेलपत्र चढ़ाया गया,ताकि जहर का असर कम हो।मान्यता यह भी है कि तभी से भोलेनाथ को बेलपत्र चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।एक अन्य कथा के अनुसार बेलपत्र की तीन पत्तियां भगवान शिव के तीन नेत्रों का प्रतीक हैं,यानी शिव का ही रूप है,इसलिए बेलपत्र को अत्यंत पवित्र माना जाता है।बेलपत्र चढ़ाने के कारण महादेव को आशुतोष भी कहा जाता है।बेलपत्र गंभीर बीमारियों से भी मुक्ति दिलाता है।कथा व्यास ने कहा की हमें नियम से भगवान शंकर की अराधना करते रहना चाहिए।कथा में निवर्तमान मेयर गौरव गोयल ने पहुंचकर आरती की तथा महाराज जी का आशीर्वाद लिया।कथा में अर्पित सैनी,सार्थक गोयल,प्रदीप बधावन,ऋतु वर्मा,चित्रा गोयल,सुलक्षणा सेमवाल,अदिति सेमवाल,संजीव शास्त्री आदि मौजूद रहे।