किसान एक अनुशासित कोम, ये किसानों के स्वाभिमान की लड़ाई: नरेश टिकैत, किसान महापंचायत में हजारों किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ भरी हुंकार, घोडे पर सवार होकर पहुंचे युवा बने आकर्षण का केंद्र
रुड़की । तीन कृषि कानूनों के विरोध में उत्तराखंड के रुड़की की गुड़ मंडी में आयोजित किसान महापंचायत में हजारों की संख्या में किसान पहुंचे। महापंचायत में शामिल होने के लिए किसान घोड़े, कारों और ट्रैक्टरों से गुड़ मंडी पहुंचे। महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के अध्यक्ष नरेश टिकैत भी शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को खेती को इतना बढ़ावा देना चाहिए कि किसान पलायन न करें। युवाओं को रोजगार दें। लड़ाई अच्छी नहीं है, लेकिन अपने मान सम्मान के लिए जवाब देना जरूरी है। ये किसानों के स्वाभिमान की लड़ाई है। कहा कि किसान एक अनुशासित कोम है। किसान अपने स्वाभिमान व सम्मान की लड़ाई के लिए इस आंदोलन को संचालित कर रहा है। सरकार किसानों के स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ कर रही है। इस दौरान किसी भी राजनीति दल के नेताओं को मंच साझा नहीं करने दिया गया। इससे पहले किसान संगठनों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने गांव-गांव जाकर किसानों से संपर्क किया और महापंचायत में पहुंचने की अपील की थी। इस मौके पर भाकियू (टिकैत) के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी, रवि चौधरी, जिलाध्यक्ष विजय शास्त्री, जिला प्रवक्ता राकेश लोहन, उत्तराखंड किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलशन रोड़, पद्म भाटी, चौधरी बाबू सिंह, चौधरी नरेंद्र, चौधरी राजेंद्र, विनोद प्रजापति, रतिराम सैनी, रामपाल, पवन प्रधान, चंद्रपाल सेठ, महावीर राठी, राजपाल, नूर हसन, मोहम्मद अखलाक, सराफत, सरदार बोबी, सरदार गुरदीप सिंह, अनवर आर्य, बाबूराम थिथकी, सुरेंद्र लंबरदार, धर्मबीर प्रधान, संजय, राजेंद्र, तेजपाल, सरदार मनमोहन सिंह, मीर हसन, रामपाल, सुरेंद्र राठी, रमेश प्रधान, रश्मि चौधरी आदि मौजूद रहे।
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