गंगा की अविरलता को लेकर 65 दिन से अनशन पर बैठीं साध्वी पद्मावती की हालत बिगड़ी, दिल्ली एम्स रेफर, सोमवार सुबह मिशन अस्पताल में कराया था भर्ती
हरिद्वार । गंगा की रक्षा सहित कई मांगों को लेकर आमरण अनशन कर रही मातृ सदन की अनुयायी साध्वी पद्मावती की तबीयत सोमवार सुबह को बिगड़ गई। साध्वी को अचेत अवस्था में उपचार के लिए कनखल स्थित रामकृष्ण मिशन अस्पताल में भर्ती कराया गया। मिशन अस्पताल के डॉक्टरों ने हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी। मातृ सदन के संत उनको एंबुलेंस से दिल्ली एम्स ले जा रहे थे। इस बात की सूचना मिलते ही प्रशासन ने दिल्ली हाईवे पर शांतरशाह पुलिस चौकी के पास रोक दिया गया। सरकारी एंबुलेंस से एम्स ऋषिकेश के लिए भेजा। सरकारी एंबुलेंस ज्वालापुर पहुंची ही थी कि उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद तुरंत ही वापस एम्स दिल्ली के लिए भेज दिया गया। साध्वी पद्मावती पिछले साल 15 दिसंबर से गंगा रक्षा के लिए मातृ सदन में अनशन कर रही हैं। 30 जनवरी को उन्हें जबरन उठाकर दून अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अगले ही दिन उन्हें पूरी तरह स्वस्थ बताकर वापस मातृसदन भेजा गया था। तब से वे लगातार अनशनरत हैं। तीन दिन से प्रशासन उनपर नजर रखे था। पंद्रह फरवरी की रात में एसडीएम कुश्म चौहान के नेतृत्व में गई टीम ने भी उन्हें अनशन समाप्त करने के लिए समझाने का प्रयास किया था, इसके बाद प्रशासन ने मातृ सदन के बाहर एक नोटिस भी चस्पा कर दिया था। इस नोटिस में भी अनशन समाप्त करने के लिए कहा गया था। सोमवार की सुबह अचानक साध्वी पद्मावती की तबीयत खराब हो गई। उन्हें मातृ सदन के संतों ने रामकृष्ण मिशन अस्पताल में भर्ती कराया। वहां चिकित्सकों ने उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया ओर ज्यादा गंभीर हालत देखते हुए हॉयर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। सवा एक बजे साध्वी को प्राइवेट एंबुलेंस में लेकर मातृ सदन के संत एम्स दिल्ली के लिए रवाना हुए। प्रशासन को इसकी सूचना मिलते ही अधिकारियों ने भागदौड़ शुरू की। अपर जिलाधिकारी केके मिश्रा, सीओ अभय प्रताप सिंह के नेतृत्व में टीम ने शांतरशाह चौकी के पास एंबुलेंस को रुकवा लिया। सरकारी एंबुलेंस बुलवाकर साध्वी पद्मावती को उसके जरिए ऋषिकेश स्थित एम्स में ले जाया जाने लगा। इस दौरान संतों और अधिकारियों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। अभी प्रशासन की टीम ज्वालापुर तक पहुंची थी कि उच्च अधिकारियों के निर्देश मिलने के बाद साध्वी को वापस दिल्ली के लिए रवाना कर दिया गया।