डायबिटीज के मरीज सोने से पहले एक गिलास पानी में मिलाकर पी लें इस जड़ी-बूटी का पाउडर, दवाओं से बेहतर होने लगेगा इंसुलिन का उत्पादन
डायबिटीज एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जो इस वक्त तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। इससे पीड़ित लोगों की बॉडी में इंसुलिन की मात्रा कम होने लगती है, जिसके चलते शुगर का पाचन सही ढंग से नहीं हो पाता है। ऐसे में ब्लड में शुगर की मात्रा अनकंट्रोल तरीके से बढ़ने लगती है, जो पीड़ित को कई तरह से नुकसान पहुंचाती है।
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के मुताबिक, डायबिटीज का कोई इलाज भी अभी तक नहीं मिल पाया है। वैज्ञानिक वर्षों से इसकी खोज में लगे हैं। हालांकि, मधुमेह रोगी अगर अपनी डाइट में कुछ खास चीजों को शामिल कर लें, तो काफी हद तक शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। यानी डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए आपको अपने खाने-पीने और लाइफस्टाइल का बहुत ध्यान रखने की जरूरत है। इसी कड़ी में इस लेख में हम आपको एक ऐसी खास चीज के बारे में बता रहे हैं, जो इस गंभीर समस्या से राहत दिलाने में मददगार साबित हो सकती है।
क्या है ये खास चीज
दरअसल, हम यहां शतावरी की बात कर रहे हैं, जिसे अंग्रेजी में एस्पैरागस (Asparagus) कहा जाता है। शतावरी बेल या झाड़ के जैसी दिखने वाली एक जड़ी-बूटी है। इसकी हर एक बेल के नीचे 100 से भी अधिक जड़ें होती हैं। ये जड़ें लगभग 30-100 सेमी लंबी और करीब 1-2 सेमी मोटी होती हैं।
आपको बता दें कि आयुर्वेद में शतावरी से कई बीमारियों का इलाज किया जाता है, जिसमें खासकर डायबिटीज पर इसके कमाल के फायदे देखे गए हैं।
कैसे है असरदार
चूहों पर हुए एक शोध के दौरान पाया गया कि शतावरी में कुछ ऐसे खास यौगिक मौजूद होते हैं, जो इंसुलिन उत्पादन को उत्तेजित कर शरीर में शुगर लेवल को कंट्रोल रखते हैं। शोध के दौरान लैब में मौजूद आधे चूहों को एक महीने तक हर दिन शतावरी पौधे का अर्क दिया गया। तय समय बाद देखा गया कि शतावरी का अर्क शक्तिशाली मधुमेह विरोधी प्रभाव डालता है।
शतावरी में प्रचुर मात्रा में पॉलीफेनोल्स मौजूद होते हैं। वहीं, कई अध्ययनों में दावा किया गया है कि पॉलीफेनोल्स ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने के अलावा टाइप 2 डायबिटीज को भी कंट्रोल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा शतावरी में फाइबर की मात्रा भी अच्छी खासी होती है, जो भी डायबिटीज रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है।
कैसे करें सेवन
इसके लिए आप सोने से पहले एक गिलास पानी में आधा छोटा चम्मच शतावरी मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं।
शतावरी की जड़ों को सुखाकर पाउडर बना लें। इस पाउडर को गुनगुने पानी या दूध में मिलाकर सुबह खाली पेट इसका सेवन किया जा सकता है।
इसके अलावा आप शतावरी का काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं।