शिक्षानगरी में श्रद्धापूर्वक की गई गोवर्धन पूजा, गाय के गोबर से गोवर्धन बनाए गए, उनकी परिक्रमा की गई

रुड़की । शिक्षानगरी में रविवार को मंदिरों और घरों में श्रद्धापूर्वक गोवर्धन पूजा की गई। गाय के गोबर से गोवर्धन बनाए गए और उनकी परिक्रमा की गई। साथ ही पंडितों ने श्रद्धालुओं को गोवर्धन पूजा के महत्व के बारे में भी बताया।शहर के रामनगर स्थित राम मंदिर एवं हनुमान मंदिर, नहर किनारे के श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर, साकेत के दुर्गा चौक मंदिर, सिविल लाइंस के श्री जीवन मुक्त प्रेम मंदिर सहित अन्य मंदिरों में रविवार को गोवर्धन पूजा की गई। गाय के गोबर से गोवर्धन की आकृति बनाई गई। रामनगर के राम मंदिर में गाय के गोबर से करीब आठ फुट से अधिक के गोवर्धन बनाए गए। यहां पर मंदिर के आचार्य कैलाश चंद शास्त्री ने पूजन करवाया। भगवान को 56 भोग लगाए गए। पूजा के बाद भजन-कीर्तन किए गए और फिर प्रसाद वितरण हुआ। पूजन में मुख्य अतिथि के रूप में महापौर गौरव गोयल और शहर विधायक प्रदीप बत्रा उपस्थित रहे। इस मौके पर आचार्य कैलाश चंद शास्त्री ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोकुलवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उगुंली पर उठाकर इंद्र के कोप से बचाया था। मंदिर में पूजन के दौरान जगदीश लाल मेहंदीरत्ता, धर्मपाल लखानी, सतीश कालरा आदि मौजूद रहे। उधर, लक्ष्मीनारायण मंदिर के पंडित राम गोपाल पराशर ने बताया कि मंदिर में गोवर्धन पूजा कर भोग लगाया गया। कोरोना के कारण इस बार भंडारा नहीं लगाया गया। इस दौरान मंदिर में सुभाष सरीन, प्रदीप परुथी, विजय सेठी, राजकुमारी, राजबाला आदि मौजूद रहे। दुर्गा चौक मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित जगदीश प्रसाद पैन्यूली ने बताया कि रविवार शाम को मंदिर में विधिविधान के साथ गोवर्धन पूजा की गई। वहीं मंदिरों के अलावा श्रद्धालुओं ने घर में भी गोवर्धन बनाकर उनकी पूजा-अर्चना की।

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