होली पर विशेष पकवान है गुझिया, गुझिया का स्वाद होगा दोगुना
रुड़की । होली के त्योहार में गुझिया खासतौर से मेहमानों को खिलाया जाता है, यह होली पर विशेष रूप से मशहूर पकवान है। इसीलिए गुझिया अच्छी दुकानों से ही खरीदी जाए।
● कुछ मिठाई की दुकानें अपने गुझिया को ‘शुद्ध’ घी में तले गुझिया के रूप में प्रचारित करती हैं, जबकि यह मिलावटी वनस्पति (डालडा) या रिफाइन तेल में तला हुआ हो सकता है, इसलिए लाइसेंस प्राप्त विश्वसनीय दुकान से ही गुझिया खरीदें।
● गुझिया खरीदते समय यह भी ध्यान रखें कि दुकान स्वच्छता के मानक पर खरा उतरता है कि नहीं और उसे शोकेस के अंदर उचित तरीके से रखा गया है कि नहीं।
● दुकानदार या दुकान पर काम करने वाले कर्मचारी साफ कपड़े पहने होने चाहिए और गुझिया देते समय वे दस्ताने जरूर पहने होने चाहिए और उन्हें आंख, शरीर के विभिन्न हिस्सों को छूना या छींकना नहीं चाहिए।
● अगर आपको गुझिया घर पर बनाना है तो स्टार्च की मौजूदगी की जांच के लिए खोया की परख जरूर कर लें. खोए की थोड़ी सी मात्रा खरीदकर घर पर उसे पानी में उबाल लें और ठंडा होने पर इसमें दो बूंद आयोडिन मिला दें, अगर यह नीला पड़ जाता है तो फिर इसका मतलब यह कि स्टार्च के साथ मिलावटी खोया है।
● त्योहार के दिनों में खोए की भारी मांग के मद्देनजर कई विक्रेता पहले से ही खोया बनाकर रख लेते हैं, जबकि खोया एक निश्चित अवधि तक ही सुरक्षित रह सकता है और अगर इसे सही तापमान में उचित प्रकार से नहीं रखा गया है तो इसमें हानिकारक बैक्टीरिया पनप सकते हैं, इसलिए खोए से अगर खराब, बासी महक आ रही है तो बिल्कुल नहीं खरीदें।
● खोये को अंगूठे और उगंलियों के बीच मसलकर भी इसकी शुद्धता को परखा जा सकता है, अगर यह शुद्ध होगा तो मसलने से इसमें से तेल निकलेगा।