आपतियों की आड़ में भुगतान नही रोक सकती इश्योरेंस कम्पनी, उपभोक्ता को मिलगे 8,32584 रुपये

रुड़की । आपतियों की आड़ में इंश्योरेंस कम्पनी भुगतान नही रोक सकती और न ही बीमा क्लेम को निरस्त कर सकती है।यह सिद्धांत प्रतिपादित करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग ने अपने एक फैंसले में उपभोक्ता को मेडिक्लेम के रूप में 8,32,584 रुपये अदा करने का आदेश इंश्योरेंस कम्पनी को दिया है।उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीगोपाल नारसन ने बताया कि राजपुताना रुड़की निवासी नवप्रीत जैन ने अपने जीवनकाल में स्टार हैल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी से उसके फैमिली हैल्थ ऑप्टिम इंश्योरेंस प्लान के तहत निर्धारित प्रीमियम अदा करके कैशलेस सुविधा के साथ अपना,अपनी पत्नी मणि जैन,दो बच्चों आराध्य व निष्ठा का बीमा 30 मार्च 2018 से 29 मार्च 2019 तक के लिए कराया था।बीमित अवधि में 30 जनवरी सन 2019 को नवप्रीत जैन बीमार हो गया और उन्हें वेंकटेश्वर हॉस्पिटल नई दिल्ली में उसी दिन भर्ती कराना पड़ा,जहां उपचार के दौरान 14 फरवरी 2019 को उनकी मृत्यु हो गई।उपचार के दौरान इंश्योरेंस कंपनी को सूचना देने पर भी उन्हें कैशलेस सुविधा नही दी गई और मृत्यु उपरांत उपचार में आये खर्च अंकन 8,27584 रुपये का भुगतान भी यह कहकर इंश्योरेंस कंपनी ने नही किया कि बीमाधारक ने इंश्योरेंस कराते समय तथ्य छिपाये थे।जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष कंवर सैन, सदस्यगण अंजना चढ्ढा व विपिन कुमार ने सुनवाई के बाद इंश्योरेंस कंपनी को बीमा क्लेम भुगतान न करने के कारण उसे सेवा में कमी का दोषी माना और बीमा क्लेम के रूप में 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ कलम राशि अदा करने का फैंसला सुनाया है।

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