रुड़की । आईआईटी रुड़की के छात्रों ने बेंगलुरु, कर्नाटक में आयोजित 62वें नेशनल एसोसिएशन ऑफ़ स्टूडेंट्स ऑफ़ आर्किटेक्चर कन्वेंशन में पहला पुरस्कार जीता है। छात्रों को वर्चुअल सम्मान समारोह में 75,000 रुपए की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया। यह आयोजन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के सहयोग से ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटेट एसेसमेंट (GRIHA) काउंसिल ने किया था। इसका उद्देश्य बागडोगरा की जलवायु परिस्थितियों के अनुसार, मासिंग, सोलर ओरिएंटेशन, विंड मूवमेंट, डे लाइटिंग, पैसिव कूलिंग सिस्टम का उपयोग करके थर्मल और विजुअल प्रदर्शन में सुधार करने के लिए नवीनतम सस्टेनेबल डिजाइन का विचार प्रदान करना था। प्रतियोगिता में ट्रॉफी के लिए छात्रों को बागडोगरा हवाई अड्डे के ढाई लेवल के नए एकीकृत टर्मिनल बिल्डिंग को भी डिजाइन करना था। विजेता टीम में डिपार्टमेंट ऑफ आर्किटेक्चर एंड अर्बन प्लानिंग के बी. आर्क (चतुर्थ वर्ष) के छात्र यश एच भरानी, अविनाश गर्ग, रोहण खेडेकर व डिपार्टमेंट ऑफ आर्किटेक्चर एंड अर्बन प्लानिंग के बी. आर्क (तृतीय वर्ष) से सीएस सेतुलक्ष्मी, रोहण कुमार और डिपार्टमेंट ऑफ आर्किटेक्चर एंड अर्बन प्लानिंग के बी. आर्क (चतुर्थ वर्ष) के यूनिट सेक्रेटरी मुकुल चौधरी शामिल हैं। टीम को लैंडस्केप ट्रॉफी के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है। साथ ही टीम ने एनुअल नासा डिजाइन कंपटीशन (ANDC) द्वारा आयोजित एनुअल नासा कन्वेंशन (एएनसी) के लिए भी क्वालिफाइ किया है।
आईआईटी कानपुर के डिपार्टमेंट ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग के विभागाध्यक्ष प्रो. पीएस चानी ने कहा, “अपने आप में विशिष्ट इस मंच ने हमारे छात्रों को सस्टेनेबल डेवलपमेंट मॉडल के लिए हमारे डिजाइन स्किल्स को लागू करने और इस क्षेत्र में देश के कुछ उत्कृष्ट प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने का अवसर प्रदान किया। जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के बारे में जागरूकता प्रदान करने में GRIHA काउंसिल की यह पहल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस पहल के लिए हम GRIHA काउंसिल को धन्यवाद देते हैं।“
प्रतियोगिता में 25 कॉलेजों की भागीदारी के साथ बड़ी संख्या में छात्रों ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया। प्रविष्टियों का मूल्यांकन एक प्रतिष्ठित पैनल द्वारा किया गया था जिसमें, एएआई की महाप्रबंधक आर्क. संगीता महाय, पीएसआई के संस्थापक और प्रबंध निदेशक आर्क. गौरव शौरी और एनाग्राम आर्किटेक्ट्स की प्रिंसिपल आर्किटेक्ट आर्क. श्रुति डिमरी शामिल थीं। आर्किटेक्चर, सस्टेनेबिलिटी और इनोवेटिव सिस्टम्स में नवाचार के आधार पर डिजाइनों का मूल्यांकन किया गया था। इस अवसर पर आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत के. चतुर्वेदी ने कहा, “हमें खुशी है कि आईआईटी रुड़की के आर्किटेक्चर छात्रों की टीम ने 62वें नेशनल एसोसिएशन ऑफ़ स्टूडेंट्स ऑफ़ आर्किटेक्चर कन्वेंशन में पहला पुरस्कार जीता है। यह गर्व की बात है कि आईआईटीआर के छात्र वास्तविक जीवन परिदृश्य में सस्टेनेबिलिटी के अनुप्रयोग को प्रदर्शित करने में सफल हुए। GRIHA काउंसिल और एएआई की संयुक्त पहल से प्रतियोगिता का आयोजन ही इसके महत्व को दर्शाता है।”
युवाओं को सस्टेनेबिली डिजाइन करने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बोलते हुए GRIHA काउंसिल के अध्यक्ष व TERI के महानिदेशक डॉ. अजय माथुर ने कहा कि क्लाइमेट-रिस्पोंसिव डिजाइन ग्रीन बिल्डिंग्स की नींव है। यह ट्रॉफी आर्किटेक्चर के छात्रों जो निर्माण उद्योग का भविष्य हैं, उनमें सस्टेनेबिलिटी की समझ को विकसित करेगी। प्रतियोगिता के 62 वें संस्करण के लिए पूरे भारत के 30 से अधिक कॉलेजों ने अपनी प्रविष्टियां प्रस्तुत कीं। इनमें से 11 प्रविष्टियों को ऑडियो विजुअल राउंड के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था। GRIHA ट्रॉफी आर्किटेक्चरल डिजाइन प्रतियोगिता वर्ष 2013-14 से प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है।
आईआईटी रुड़की में आर्किटेक्चर एंड अर्बन प्लानिंग विभाग की स्थापना वर्ष 1956 में की गई थी। यह बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर (बी. आर्क), मास्टर ऑफ आर्किटेक्चर (एम. आर्क), मास्टर ऑफ अर्बन एंड रूरल प्लानिंग (MURP) और पीएच.डी जैसे पाठ्यक्रम प्रदान करता है। आईआईटी रुड़की ने NIRF रैंकिंग के 5वें संस्करण के ‘आर्किटेक्चर’ कैटेगरी में दूसरा स्थान हासिल किया है। इसके आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग विभाग ने इंडिया टुडे मैगजीन द्वारा जारी की गई शैक्षणिक संस्थानों की नवीनतम रैंकिंग में पहला स्थान हासिल किया है।
GRIHA काउंसिल भारतीय संदर्भ में सस्टेनेबल हैबिटेट्स से संबंधित वैज्ञानिक और प्रशासनिक मुद्दों पर बातचीत के लिए एक स्वतंत्र मंच (एक सोसाइटी के रूप में पंजीकृत) है । GRIHA एक रेटिंग टूल है जो लोगों को राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य बेंचमार्क के अंतर्गत उनके घरों के निर्माण प्रदर्शन का आकलन करने में मदद करता है। यह पूरे जीवन चक्र पर समग्र रूप से एक इमारत के पर्यावरण प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है। इससे ‘ग्रीन बिल्डिंग ‘ निर्णायक मापदंड का निर्माण होता है। स्वीकृत ऊर्जा और पर्यावरण सिद्धांतों पर आधारित रेटिंग प्रणाली राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों ही स्तरों पर स्थापित प्रथाओं और उभरती हुई अवधारणाओं के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करेगी।
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