इस मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हुए दिखाई देती है पूरी ‘दुनिया’, देहरादून से 128 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यमुना नदी की तट पर है भव्य शिव मंदिर

वैसे तो भगवान श‌िव के मंद‌िर कई जगह हैं। लेक‌िन भारत में एक जगह ऐसी है जहां करोड़ों साल पुराना शिवलिंग है। माना जाता है क‌ि इस शिवलिंग में पूरा ‘संसार’ दिखाई देता है। उत्तराखंड के देहरादून स्थित लाखामंडल में बने इस शिवलिंग का जब भक्त जलाभिषेक करते हैं तो उन्हें सृष्टि का स्वरूप दिखता है। यहां के लोगों का मानना है कि इस शिवलिंग पर अपनी तस्वीर देखने मात्र से सारे पाप कट जाते हैं। प्रकृति की वादियों में बसा यह गांव लाखामंडल देहरादून से 128 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यमुना नदी की तट पर है। दिल को लुभाने वाली यह जगह गुफाओं और भगवान शिव के मंदिर के प्राचीन अवशेषों से घिरा हुआ है। माना जाता है कि इस मंदिर में प्रार्थना करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिल जाती है। यहां पर खुदाई करते वक्त विभिन्न आकार के और विभिन्न ऐतिहासिक काल के शिवलिंग मिले हैं। लाखामंडल महाभारत काल की याद दिलाता है। कहा जाता है कि महाभारत के समय में पांडवों ने अपने वनवास का कुछ समय यहां बिताया था। पाडंवों ने यहां छिपने के लिए लाख का महल ‘लाक्षागृह’ बनाया था। यहां से ‌बचकर भागने के लिए पांडवों ने सुरंग बनाई थी। कहा जाता है कि यह सुरंग हस्तिनापुर तक पहुंचती है। इसे सुरक्षा कारणों को देखते हुए अब बंद करवा दिया गया है। यहां शिव की लाखों मूर्तियां मिलती हैं। दो फुट की खुदाई करने से ही यहां हजारों साल पुरानी कीमती मूर्तियां निकल आती हैं। इसी कारण इस स्‍थान को आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की निगरानी में रखा गया है। इसी कारण लाखा मंडल में नए निर्माण पर रोक लगाया गया है। परिस्थितियों के मुताबिक कभी भी इस जगह को खाली करवाया जा सकता है। यहां कुछ दूर पर लाक्षागृह गुफा है। जहां शेषनाग के फन के नीचे प्राकृतिक शिवलिंग के ऊपर टपकता पानी यहां की खासियत है। देहरादून से 125 किमी दूर यमुना किनारे ‌मौजूद लाखामंडल में हल्की खुदाई करने पर कदम-कदम पर शिव लिंग निकलते हैं।

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