जमीन पर बैठकर खाना से होंगे ढेरों फायदे, कई रिसर्च और स्टडीस में हुआ साबित

आजकल की लाइफस्टाल काफी बदल गई है, जिसमें पुरानी परंपराएं की कोई जगह नहीं है. पहले खाना बनाने के तरीकों से लेकर खाना खाने के तरीके भी अलग हुआ करते थे. पहले के समय में लोग जमीन पर बैठकर खाना खाने की प्रथा थी. जो लोग नीचे बैठकर खाना खाते होंगे उन्हें इसका सुकून जरूर पता होगा. अक्सर हमारी दादी-नानी या फिर दादा-नाना भी जमीन पर बैठकर ही भोजन करते थे. क्योंकि इसके कई फायदे होते हैं. हाल ही में इस बात का खुलासा कई स्टडीस और रिसर्च में हुआ है. रिसर्च ने इस बात को प्रूव किया कि जमीन या फर्श पर बैठकर भोजन करना सेहत को कई प्रकार से लाभ पहुंचाता है. आयुर्वेद भी इस बात की पुष्ठि करता है. आइये जानते हैं जमीन पर बैठकर भोजन करने के फायदे के बारे में…

रीढ़ की हड्डी होती है मजबूत
हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर आप जमीन पर बैठकर भोजन करते हैं, तो इससे रीढ़ की हड्डी स्वस्थ रहती है. वहीं अगर आपकी रीढ़ की हड्डी कमजोर है तो, फर्श पर बैठकर ही भोजन किया करें. इस तरह खाना खाने से आप स्थिर बैठते हैं और आपकी रीढ़ की हड्डी पर दबाब नहीं पड़ता. जमीन पर बैठने से आपकी स्पाइन की फॉर्मोशन भी सुधरती है.

माइंड रिलैक्स होता है
आपको बता दें, जमीन पर बैठकर खाना खाने को अगर योग से जोड़ा जाए तो पद्मासन और सुखासन ध्यान के लिए आदर्श मुद्राएं हैं. ये आसन दिमाग से तनाव दूर करने में मदद करते हैं. ऐसा माना जाता है कि इन मुद्राओं में बैठने से शरीर में ऑक्सीजन का फ्लो बढ़ सकता है.

डाइजेशन में सुधार
सुखासन, एक योग मुद्रा है, जिसमें व्यक्ति पैरों को क्रॉस करके फर्श पर बैठता है. खाना पचाने के लिए ये मुद्रा सबसे सटीक होती है. इसलिए बेहतर डाइजेशन के लिए आपको जमीन पर बैठकर ही भोजन करना चाहिए. दरअसल, जब हम खाना खाने के लिए अपनी थाली जमीन पर रखते हैं तो हमें खाने के लिए अपने शरीर को थोड़ा आगे की ओर ले जाना पड़ता है और फिर हम वापस अपनी मूल स्थिति में आ जाते हैं. इससे शरीर को बार-बार हिलाने से पेट की मसल्स का स्टिमुलेशन होता है, जिससे पेट में डाइजेस्टिव एंजाइम्स का सिक्रीशन बढ़ जाता है, जिससे भोजन बेहतर तरीके से पचने लगता है.

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