लिवर की समस्या से हैं परेशान तो इन आयुर्वेदिक नुस्खों के जरिए मिल सकता है छुटकारा, जानिए
लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जब लिवर में कोई दिक्कत होती है तो शरीर में कई अन्य बीमारियां भी होने लगती हैं। लिवर की एक सबसे आम बीमारी है उसमें फैट जमा हो जाना। ऐसे में लिवर इस बीमारी में सिकुड़ने लगता है। मेडिकल भाषा में फैटी लिवर की समस्या को हेप्टिक स्टोटोसिस कहा जाता है। एक स्टडी के मुताबिक वर्तमान में दुनिया का एक तिहाई हिस्सा फैटी लिवर की बीमारी से जूझ रहा है। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि फैटी लीवर केवल उन्हीं लोगों को होता है, जो बहुत अधिक शराब पीते हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। फैटी लिवर एक आम बीमारी है, यह उन लोगों को भी हो सकती है, जो बिल्कुल भी शराब नहीं पीते। तो फैटी लीवर से जूझ रहे लोगों को यह जानना बेहद जरूरी है कि कैसे घर आयुर्वेदिक उपायों के जरिए इसे स्वस्थ रखा जा सकता है।
फैटी लिवर के लक्षण: इन बीमारी के दौरान इससे पीड़ित व्यक्ति कमजोरी के साथ थकान महसूस करता है। साथ ही भूख न लगना और आंखें और त्वचा में पीलापन आने जैसी समस्या भी हो सकती है। इसके अलावा वजन कम होना और पेट में दर्द बने रहने के साथ पेट में दायीं तरफ सूजन होना इसके आम लक्षणों में से एक हैं।
लहसुन और हल्दी: कई शोध में यह बात साबित हो चुकी है कि लहसुन में एंटीबैक्टीरियल और सेलेनियम जैसे गुण मौजूद होते हैं जो लिवर में मौजूद डिटॉक्स एंजाइम को एक्टिव करता है। आयुर्वेदाचार्यों के मुताबिक लहसुन लिवर की सफाई करता है साथ ही शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके साथ ही एक गिलास पानी में एक चुटकी उबाल कर फैटी लिवर के लक्षणों को कम किया जा सकता है। स्वाद के लिए इसमें नींबू का रस भी मिला सकते हैं। इसके अलावा रोजाना रात में सोने से पहले हल्दी वाला दूध का भी सेवन कर सकते हैं।
सेब का सिरका और दालचीनी: आयुर्वेद के अनुसार सेब का सिरका लिवर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, तो वहीं एक गिलास पानी में दालचीनी की दो से तीन स्टिक डालकर पानी को उबाल कर पीने से फैटी लिवर की समस्या से निजात मिल सकती है। इसके अलावा सेब का सिरका लिवर को स्वस्थ बनाता है। इसके सेवन के लिए सुबह एक कप गुनगुने पानी में एक चम्मच सेब का सिरका डालकर इसे रोज सुबह पी सकते हैं पिएं। ऐसा करने से आपको काफी आराम मिल सकता है।