चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन को महाष्टमी या दुर्गाष्टमी के नाम से जाना जाता है, मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महगौरी की पूजा विधि विधान से की जाती है
रुड़की । चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन को महाष्टमी या दुर्गाष्टमी के नाम से जाना जाता है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महगौरी की पूजा विधि विधान से की जाती है। आज के दिन माता महागौरी की आराधना करने से व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है, साथ ही सुख-समृद्धि में कोई कमी नहीं होती है। जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मां की कृपा से सभी कष्टों से भी मुक्ति मिल जाती है। आज महाष्टमी के दिन कन्या पूजन का विधान है। कहा जाता है कि कन्याएं मां दुर्गा का साक्षात् स्वरूप होती हैं, इसलिए नवरात्रि के अष्टमी को कन्या पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि आज महाष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र एवं महत्व क्या है?
मां महागौरी पूजा मुहूर्त
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि यानी चैत्र नवरात्रि की महाष्टमी का प्रारंभ 01 अप्रैल 2020 दिन बुधवार को प्रात:काल 03 बजकर 49 मिनट से हो रहा है। महाष्टमी तिथि का समापन 02 अप्रैल दिन बुधवार को प्रात:काल 03 बजकर 40 मिनट पर हो रहा है। ऐसे में आपको महाष्टमी या दुर्गाष्टमी की पूजा सुबह तक कर लेनी चाहिए।
स्तुति
या देवी सर्वभूतेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
प्रार्थना
श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥
मां महागौरी बीज मंत्र
श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।
मंत्र
- ओम देवी महागौर्यै नमः।
- माहेश्वरी वृष आरूढ़ कौमारी शिखिवाहना।
श्वेत रूप धरा देवी ईश्वरी वृष वाहना।।