प्रदेश सरकार की नीतियों के खिलाफ यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने दिया धरना, कहा कोरोना संकट को संभालने में विफल रही त्रिवेंद्र सरकार
हरिद्वार । सरकार पर कोरोना संकट को संभालने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने धरना देकर विभिन्न राज्यों से वापस उत्तराखण्ड लौट रहे प्रवासियों के लिए उचित व्यवस्था करने की मांग की। कृष्णानगर स्थित मेयर कार्यालय पर दिए गए धरने में मेयर प्रतिनिधि अशोक शर्मा भी शामिल हुए। धरने का संबोधित करते हुए यूथ कांग्रेस के कार्यकारी जिला अध्यक्ष रवि बहादुर इंजीनियर ने कहा कि सरकार कोरोना संकट को संभाल पाने में पूरी तरह विफल साबित हुई है। विभिन्न राज्यों से वापस उत्तराखण्ड लौट रहे प्रवासियों के लिए जांच, क्वारंटाईन आदि की उचित व्यवस्था तक नही की जा रही है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि प्रवासियों की स्वास्थ्य जांच के साथ क्वारंटाईन सेंटरों में उनके भोजन आदि की उचित व्यवस्था की जाए। दो महीने के लाॅकडाउन में प्रदेश सरकार कोरोना संकट से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम कर पाने में भी नाकाम रही है। रवि बहादुर ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता व पदाधिकारी क्वारंटाइन का ही उल्लंघन कर रहे हैं। जो गाइड लाइन प्रशासन ने जारी की हैं। उनका पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों की फसलें ओलावृष्टि के कारण बर्बाद हो गयी हैं। लेकिन सरकार किसानों की कोई सुध नहीं ले रही हैं। स्वास्थ्य सेवाएं पूरे प्रदेश में बदहाल है। त्रिवेंद्र सरकार पूरी तरह से नाकाम नजर आ रही है। मेयर प्रतिनिधि पूर्व सभासद अशोक शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। प्रवासियों को सही सुविधाएं सरकार द्वारा ना दिया जाना सरकार की लचर प्रणाली का दर्शा रहा है। लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। राशन वितरण कार्यक्रमों में सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन भाजपा कार्यकर्ता कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरे नगर निगम क्षेत्र में वृहद स्तर से सेनेटाइजिंग अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है। लेकिन सीमित संसाधनों के चलते यह कार्य भी गति नहीं पकड़ पा रहा है। अशोक शर्मा ने कहा कि महामारी के कारण बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए हैं। सरकार को बेरोजगार हुए लोगों के लिए मनरेगा जैसी योजनाओं के तहत रोजगार की व्यवस्था करनी चाहिए। हिमांशु बहुगणा व सुमित भाटिया ने कहा कि छोटे मझोले व लघु व्यापारियों को रोजगार के अवसर दिए जाने चाहिए थे। पर्वतीय क्षेत्रों की ओर से अपने घरों को लौटने वाले प्रवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सरकार द्वारा सही सुविधाएं प्रवासियों को नहीं दी गयी हैं। मजदूर हताशा व निराशा का सामना कर रहा है। सरकार पूरी तरह से विफल साबित हुई।