राष्ट्रीय इण्टर काॅलेज भलस्वागाज में धूमधाम से मनाया गया 73 वां स्थापना दिवस समारोह, नवनिर्मित मुख्य द्वार व गांव के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के शिलापट का उद्घाटन

झबरेड़ा । राष्ट्रीय इण्टर कालेज भलस्वागाज में बुधवार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ बड़ी ही धूमधाम से 73 वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया। मुख्य द्वार व गांव के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम के शिलापट का उद्घाटन किया गया। बुधवार को सुबह हवन यज्ञ के साथ विधालय का 73 वां स्थापना दिवस समारोह शुरू किया गया। इसके साथ ही मेरी माटी मेरा देश अभियान के अन्तर्गत विधालय के नवनिर्मित मुख्य द्वार व गांव के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के शिलापट का भी उद्घाटन किया गया । इस अवसर ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ शरद सिंह नेगी द्वारा छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी छात्रों को बीच में पढ़ाई छोड़ नहीं है उन्होंने पहली देखा है की इस विधालय लड़कों के अनुपात में में लड़कियों की संख्या अधिक है, जिसमें लिए उन्होंने कालेज प्रबंधन तंत्र को बधाई दी हैं। इसी के साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में हिमालयन एक्शन रिसर्च सेंटर देहरादून के मुख्य कार्यकारी महेंद्र सिंह कुंवर और कालेज के प्रबन्ध डॉ नरेन्द्र सिंह छात्रों को सम्बोधित करते हुए देश की आजादी में अपना योगदान देने वाले गांव के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बारे विस्तार से जानकारी दी । विद्यालय की प्रगति पर भी प्रकाश डाला। भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष देवी सिंह राणा ने कहा कि विद्यालय का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम पूरे भारत मे आयोजित किया जा रहा। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि देश पर प्राण न्योछावर करने वाले वीरों को सम्मानित किया जाए एवं जनता के बीच जाकर जागरूकता फैलाया जा सके। कार्यक्रम के अन्त में कालेज के प्रधानाचार्य कुंवरपाल सिंह ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम के समापन की घोषणा की । इस अवसर पर राजेन्द्र सिंह पूर्व प्रधान तेजवीर सिंह महावीर सिंह पूर्व चेयरमैन गाना समिति, ओमपाल सिंह ब्रिजेश चौधरी मा सतीश पाल जितेन्द्र सिंह विश्वास कुमार दिग्विजय सिंह मोहिनी पुण्डीर अंजू त्यागी मुकुल चौहान सुनील राणा आदित्य प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे।

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