सर्दी खांसी और बदन दर्द से परेशान हैं, 5 दिनों तक हो सकते है बीमार, इस तरह करें लक्षणों की पहचान, ऐसे बचाव करिए
मौसम बहुत तेज़ी से बदल रहा है,सुबह और शाम में सर्द हवाए बदन में सिरहन पैदा कर रही हैं। इस मौसम में ठंडी चीज़ो का सेवन, लंबे समय तक एयर कंडीशन रूम में रहने से नाक पूरी तरह जाम हो जाती हैं और बदन दर्द से टूटने लगता है। इस गर्म और सर्द मौसम के कॉम्बिनेशन में ज़्यादातर लोग बुख़ार,सर्दी,जुकाम और खांसी से परेशान हैं। तेज बुखार,सर्दी-खांसी और शरीर में दर्द जैसे लक्षण ज़्यादातर लोगो में दिख रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक यह वायरल बीमारी है जो पूरे भारत में फेल रही हैं। खासकर फ्लू जैसी बीमारियों में बढ़ोतरी हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मौसमी इन्फ्लूएंजा जिसे फ्लू भी कहा जाता है, इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होने वाला एक तेज़ श्वसन संक्रमण है। यह फ्लू दुनिया भर में बेहद आम है।कुछ डॉक्टरों ने यह भी खुलासा किया कि इन्फ्लूएंजा और डेंगू जैसे वायरल मामलों के अलावा, टाइफाइड संक्रमण, हेपेटाइटिस, आंत के जीवाणु संक्रमण और मलेरिया जैसे पानी से फैलने वाली बीमारियां सामान्य संक्रमण हैं जो बुखार का कारण बनता हैं। नई दिल्ली के बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में आंतरिक चिकित्सा विभाग के प्रधान निदेशक और एचओडी डॉ. राजिंदर कुमार सिंगल ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस को बताया कि हाल ही में लगातार बारिश से बनी बाढ़ जैसी स्थितियों ने कुछ क्षेत्रों में संक्रामक रोगों के प्रसार को और बढ़ा दिया है।
डॉ. सिंगल के मुताबिक, हाल के हफ्तों में कई लोगों में लंबे समय तक खांसी,गले में खराश, छींक आना, आंखों से पानी निकलना और घरघराहट के मामले सामने आए हैं। बदलते मौसम में आप भी अपनी बॉडी में इसी तरह का बदलाव महसूस कर रहे हैं तो हम आप को कुछ ख़ास उपयो के बारे में बताते है जिन्हें अपना कर आप भी इस परेशानी का आसानी से उपचार कर सकते हैं।
मानसिक काम में बदलाव जैसे भ्रम
सिरदर्द, गर्दन में अकड़न या दोनों
स्किन पर चकत्ते के निशान, छोटे,बैंगनी रंग के लाल धब्बे जो स्किन के नीचे से ब्लीडिंग का संकेत देते हैं।
कम ब्लड प्रेशर
तेज दिल की धड़कन या तेज सांस लेना
सांस लेने में तकलीफ
ऐसा तापमान जो 104 डिग्री फ़ारेनहाइट (40 डिग्री सेल्सियस) से अधिक या 95 डिग्री फ़ारेनहाइट (35 डिग्री सेल्सियस) से कम होइम्युनिटी को दबाने वाली दवाओं का ज्यादा इस्तेमाल
बॉडी में दिखने लगें ये लक्षण तो इस तरह करें पहले बचाव
बॉडी में इस तरह के लक्षण दिखने पर सबसे पहले बॉडी को हाइड्रेट करें और आराम करें।
बॉडी को हाइड्रेट करने से मतलब है कि तरल पदार्थों का सेवन अधिक करें।
बुखार को उतारने के लिए पैरासिटामोल का सेवन करें।
ये दवाई बुखार और बुखार की वजह से होने वाले बदन दर्द से राहत दिलाएगी।
खांसी से बचाव के लिए कफ सिरप, नाक जाम है तो नाक का ड्रॉप इस्तेमाल करें।
गले की खराश दूर करने वाली दवाएं इस्तेमाल करें।
गर्म पानी से भाप लेने और गरारे करने से मदद मिलेगी।
वायरल संक्रमण में एंटीबायोटिक्स की कोई भूमिका नहीं है इसलिए उसका सेवन करके आप इमियुनिटी को कमजोर नहीं करें।
वायरल फीवर और खांसी होने उठाएं कुछ एहतियाती कदम
बार-बार हैंड वॉश करें और सफाई का ध्यान रखें।
सभी सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनें और सामाजिक दूरी का पालन करें
छींकते और खांसते समय हमेशा टिश्यू का इस्तेमाल करें और तुरंत अपने हाथों को सैनिटाइज करें
यदि किसी में फ्लू जैसे लक्षण हैं तो उस शख्स से 3-5 दिनों तक के लिए दूर रहें।