सुनहरा में निकाली गई बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जागरूकता रैली, बेटियों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी: ऋचा गर्ग

रुड़की । बेटियों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। आप सबके द्वारा किए जाने वाले प्रयासों से ही हम घटते हुए लिंगानुपात की स्थिति को सुधार सकते हैं। साथ ही महिलाओं व बालिकाओं के साथ हो रहे भेदभाव व हिंसा को रोक सकते हैं। समानता का वातावरण निर्मित कर सकते हैं। यह बात बाल विकास परियोजना की सुपरवाइजर ऋचा गर्ग ने सुनहरा में आयोजित बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ रैली के दौरान कही। उन्होंने कहा है कि बेटी कल है। बेटी संसार है और बेटी ही गौरव है । उन्होंने कहा है कि स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि जिस देश में महिलाओं का सम्मान नहीं होता, उस देश की प्रगति कभी भी नहीं हो सकती।
समाज में बेटियों की हो रही दुर्दशा और लगातार घट रहे लिंगानुपात, समाज के लोगों की संकीर्ण मानसिकता का सबूत है। समाज में बेटी-बेटा के प्रति फैली असामनता की भावना का नतीजा ही है कि आज कन्या भ्रूण हत्या, बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है। हमें समझने कि आवश्यकता है कि पृथ्वी पर मानव जाति का अस्तित्व, आदमी और औरत दोनों की समान भागीदारी के बिना संभव नहीं होता है। दोनों ही पृथ्वी पर मानव जाति के अस्तित्व के साथ-साथ किसी भी देश के विकास के लिए समान रूप से जिम्मेदार है। बाल विकास परियोजना की सुपरवाइजर ऋचा गर्ग ने कहा कि ह्यबेटी बचाओ बेटी पढाओह्ण एक ऐसी योजना है जिसका अर्थ ह्लकन्या शिशु को बचाओ और इन्हें शिक्षित करोह्व है। इस योजना को सरकार के द्वारा कन्या शिशु के लिए जागरूकता का निर्माण करने के लिए और महिला कल्याण में सुधार करने के लिए शुरू किया गया। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जागरूकता रैली सुनहरा बाल विकास केंद्र से शुरू होकर आसपास की बस्तियों में मुख्य मार्ग से होते हुए वापस केंद्र पर पहुंची। इस बीच रैली में शामिल महिलाओं व बालिकाओं ने आमजन को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पुरुषों और महिलाओं को बताया गया है कि बेटियां सृष्टि की निमार्ता हैं। बेटियां विभिन्न अवसरों पर बेटी, मां, दादी, नानी आदि के रूपों में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करती हैं और समाज को आगे बढ़ाती हैं। रैली में शामिल बालिकाओं और महिलाओं ने कहा कि आज बेटियां समाज के हर क्षेत्र में आगे बढ़ कर भाग ले रही हैं, उनको समुचित शिक्षा दिलाना हर अभिभावक की जिम्मेदारी है। लेकिन, समाज में आज भी बेटियों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है। कहा कि बेटियों को देवी का दर्जा देने वाले समाज में ही उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार समाज पर कलंक है। रैली को सभी अभिभावकों ने सराहा और कहा है कि वह बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जागरूकता रैली से प्रेरित होकर निश्चित रूप से बेटियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए काम करेंगे। रैली में मुख्य रूप से सुनहरा गांव में बाल विकास परियोजना कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित रैली में सभी कार्यकतार्ओं एवं किशोरियों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान सभी ने शपथ ली। इस मौके पर अनीता, सुल्लनता, कल्पना, शकुंतला, संजेश, सुषमा रावत ने अपने विचार रखें।

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