लूट कांड में शामिल रहे बहुउद्देशीय सहकारी समिति झबरेड़ा के दोनों कर्मचारी बर्खास्त
रुड़की । इसमें कहीं कोई संदेह नहीं है कि सहकारिता विभाग में बाड़ ही खेत को खा रही है। बहुत सारे अधिकारी कर्मचारी किसानों के गाढ़े पसीने की कमाई को चट कर रहे हैं। हाल में हुए लूट कांड से तो यह बात पूरी तरह साफ ही हो गई है कि सहकारी समितियों के कर्मचारियों की सहकारी धन पर गिद्ध दृष्टि है। वह किसी भी तरह से धन को हड़प लेना चाहते हैं। समझा जा रहा है कि इसीलिए बहुद्देशीय किसान सेवा सहकारी समिति झबरेड़ा की 22 लाख रुपए से अधिक की रकम वही के कर्मचारियों ने लूट ली और पुलिस व किसानों का ध्यान अपनी ओर से हटाने के लिए पूरा लूट कांड का ड्रामा कर ड़ाला। पर कहते हैं कि कानून से कोई नहीं बच सकता और पुलिस भी चोर को धरती से निकाल लेती है। ऐसा ही झगड़ा पुलिस ने किया है समिति के लाखों रुपए लूटने का ड्रामा करने वाले दोनों कर्मचारियों को गिरफ्तार किया और उन्हें जेल भेजा। अब इस मामले में दोनों कर्मचारियों को आज बर्खास्त कर दिया गया है। यह बर्खास्तगी की कार्रवाई सहकारी समिति बोर्ड के द्वारा की गई है और सूचना जिला सहायक निबंधक/ अपर निबंधक गढ़वाल मंडल मान सिंह सैनी को भेजी गई है। जिसमें सहकारी समिति बोर्ड की ओर से बताया गया है कि कर्मचारी आशु पुत्र जनार्दन और सन्नी पुत्र विजयपाल ने लूट की घटना को कबूल किया है। इसीलिए दोनों की सेवा समाप्त कर दी गई है। बता दें कि इसी मामले में लापरवाही सामने आने पर रजिस्ट्रार सहकारी समितियां उत्तराखंड के द्वारा एडीओ कोआपरेटिव नारसन महेंद्र सिंह को भी सस्पेंड कर दिया गया है। यहां के प्रभारी सचिव का निलंबन भी जल्द होने जा रहा है। जब रेट सहकारी समिति झबरेड़ा लूट कांड को सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने भी काफी गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस संबंध में निबंधक व अपर निबंधक से पूरी जानकारी ली और सख्त दिशा निर्देश दिए ताकि सहकारी समिति और सहकारी बैंक शाखाओं पर वित्तीय अनुशासनहीनता न हो।