मुर्गी और बत्तख पालन से भी ज्यादा बढ़िया बिजनेस, किसान तीतर पालन से यूं कमाएं बंपर मुनाफा

भारत के गांवों में मुर्गी और बत्तख पालन बड़े पैमाने पर किया जाता है. इन सबके बीच कई किसानों को तीतर पालन करते हुए देखा जाता है. हालांकि, ये संख्या बेहद कम है. बता दें की तीतर पालन एक जंगली पक्षी है. इसका मीट बेहद स्वादिष्ट होता है. लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं. बता दें कि तीतर को बटेर के नाम से भी जाना जाता है.

तीतर के शिकार पर भारत सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है. इनका शिकार इतना बढ़ गया था कि ये विलुप्त होने के कगार आ गए हैं. अगर आप तीतर पालन करना चाहते हैं तो आपको सरकार से इसके लिए लाइसेंस लेना पडे़गा.

साल में 300 अंडे देनी की क्षमता

विशेषज्ञों के अनुसार मादा तीतर के अंदर एक साल में 300 अंडे देने की क्षमता होती है. ज्यादातर तीतर अपने जन्म के 45 से 50 दिनों में अंडे देना शुरू कर देती है. इसके व्यवसाय को बेहद कम वक्त में शुरू किया जा सकता है. साथ ही इससे इनकी घटती संख्या में बढ़ोत्तरी होगी और तीतर पालक को बंपर मुनाफा भी हासिल होगा.

इन पक्षियों के छोटे आकार और कम वजन की वजह से भोजन और जगह की आवश्यकता भी कम होती है.व्यवसाय में निवेश भी काफी कम होता है. सिर्फ 4-5 तीतर को पालकर भी इसका बिजनेस शुरू किया जा सकता है.

पोषक तत्वों से भरपूर

तीतर का अंडा रंगीन होता है. इसमें कॉर्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा और मिनिरल प्रचूर मात्रा में होते हैं. प्रति ग्राम जर्दी में 15 से 23 मिली ग्राम कोलेस्ट्राल पाया जाता है. कई तरह के बीमारियों में इसके अंडे के सेवन की सलाह दी जाती है. इसके अलावा बाजार में इसका मांस भी चिकन के मुकाबले अच्छे कीमतों पर बिकता है. जिससे आप बढ़िया पैसा हासिल कर सकते हैं,

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