मेलाधिकारी दीपक रावत की अध्यक्षता में महाकुंभ मेले के संबंध में हुई बैठक, कहा तीर्थ यात्रियों को हरिद्वार की अर्थव्यवस्था से जुड़ना चाहिए
हरिद्वार । दीपक रावत मेला अधिकारी की अध्यक्षता में आज मेला नियंत्रण भवन (सी0सी0आर0) में कुम्भ के सफल आयोजन के सम्बन्ध में व्यापार मण्डल, होटल एसोसिएशन, धर्मशालाओं आदि के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित हुई। बैठक में मेलाधिकारी ने कुम्भ क्षेत्र को दृष्टिगत रखते हुये स्थायी व अस्थायी निर्माण कार्याें के सम्बन्ध में बताया कि स्थायी व अस्थायी निर्माण कार्य अब लगभग पूर्ण होने की ओर हैं। देश व पूरा विश्व इस समय कोविड-19 की महामारी से जूझ रहा है, जिसे देखते हुये हमें महाकुम्भ के आयोजन की रणनीति तैयार करनी है। बैठक में होटल एसोसिएशन के आशु ने सुझाव दिया कि कोविड-19 के कारण टेण्ट आदि की सीमित मात्रा में व्यवस्था होने के कारण कुम्भ मेले का लाभ हरिद्वार की जनता, होटल, धर्मशालाओं आदि को मिलना चाहिये। उन्होंने कहा कि तीर्थ यात्रियों को हरिद्वार की अर्थव्यवस्था से जुड़ना चाहिए । श्री विकास तिवारी ने सुझाव दिया कि प्रचार-प्रसार का कार्य जनवरी में प्रारम्भ किया जाना चाहिये ताकि देश की जनता मुख्य पर्वों से पहले ही स्नान करके जा सकती है, जिससे भीड़ नियंत्रित रहेगी। इसके अलावा हमारे होटलों में फोर्स व अन्य लोग रहेंगे, इसे भी योजना में शामिल करने, डामकोठी से लेकर भीमगौड़ा तक कार्य में तेजी लाने का सुझाव श्री तिवारी ने दिया। इस पर मेलाधिकारी ने कहा कि हम योजना बना रहे हैं। व्यापार मण्डल के कमल ब्रजवासी ने पार्किंग की अच्छी व्यवस्था बनाने का सुझाव दिया। इस पर मेलाधिकारी ने बताया कि हम पांच बस अड्डा हरिद्वार के विभिन्न क्षेत्रों में बना रहे हैं। हमने 500 बसें मांगी हैं, जो यात्रियों को अन्दर पहुंच एरिया में लायेंगे। रोड आपको बढ़िया मिलेगी, पतली सड़कें जो घाटों को जोड़ते हैं, वे निश्चित बनेंगी। प्रान्तीय उद्योग व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों ने सुझाव दिया कि मेला शहर के भीतर व्यवस्थित रूप से हो, इसके लिये शहर व्यापार मण्डल परिचय पत्र जारी करता है, मेला अधिष्ठान उनको अधिकृत करे, ब्लेंक पास जारी न किये जायंे, एल0आई0यू की रिपोर्ट पहले ले ली जायें (प्रकाश शाहू), पार्किंग भीमगौड़ा के आसपास हो, व्यापारियों के आवश्यक सामग्री के आने-जाने पर कोई रोक-टोक न हो, जिसके लिये समय निर्धारित कर दिया जाये, किसी भी स्नान को स्थगित न किया जाये। इस पर मेलाधिकारी ने कहा कि हम कोई भी योजना बनायेंगे तो एकतरफा नहीं बनायेंगे। जगह-जगह खोदाई के सम्बन्ध में मेलाधिकारी ने बताया कि खोदने से पहले कार्यदायी विभाग को अनुमति लेनी होगी अन्यथा की स्थिति में उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। श्री अनिरूद्ध भाटी, पार्षद, नगर निगम ने सुझाव दिया कि धर्मशालाओं के प्रबन्धक के लिये भी आईकार्ड जारी किया जाये, निर्माण कार्य में लीकेज का ध्यान रखा जाये, 14 जनवरी का स्नान ट्रायल के रूप में रखा जाये, कपड़े के मास्क बांटे जायें। गोताखोरों के सम्बन्ध में मेलाधिकारी ने बताया कि 150 गोताखोर गंगा घाटों के मुख्य-मुख्य स्थानों पर तैनात रहेंगे, जिन्हें पी0आर0डी0 के बराबर मानदेय देय होगा। व्यापार मण्डल के सुनील सेठी ने मेला क्षेत्र में स्थापित सरकारी नलों पर हुये कब्जों का मुद्दा उठाया, इस पर मेलाधिकारी ने कहा कि मैं स्वयं इसका निरीक्षण करूंगा।
व्यापार मण्डल के श्री जतिन हाण्डा ने आनन्दमयी व दरिद्रभंजन पुलों के जर्जर स्थिति की, श्री संजय त्रियाल ने सड़कों के बनते ही उखड़ने की, संजय कश्यप ने पार्किंग व मोतीचूर रेलवे स्टेशन का भी इस्तेमाल किये जाने की प्रवीन शर्मा ने बस स्टैण्डों पर कुली व ह्वीलचेयर की व्यवस्था, घाटों पर पानी की निकासी का मुद्दा उठाया। मेलाधिकारी ने कहा कि घाटों पर पानी की निकासी का एक ट्रायल ले लिया जायेगा।
श्री सत्येन्द्र झा ने आॅनलाइन में फूड लाइसेंस लेने में आ रही दिक्कत का मामला उठाया, जिसे मेलाधिकारी ने कहा कि इसे ठीक करवा दिया जायेगा। संजय भट्ट ने सुझाव दिया कि उत्तरी हरिद्वार काफी बड़ा क्षेत्र है, वहां भी सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की जायंे, तो अच्छा होगा, जिसके लिये उन्होंने परमार्थ घाट का जिक्र किया, इस पर मेलाधिकारी ने कहा कि उत्तरी हरिद्वार के सौन्दर्यीकरण के लिये हमने दो करोड़ की योजना बनाई है। उन्होंने बताया कि कांगड़ा घाट पर पेण्टिंग होगी, मोबाइल शौचालय, वाटर ए0टी0एम0 निर्धारित जगह पर लगाये जायेंगे, सौन्र्यीकरण का कार्य हम करवा देंगे। धर्मशाला समिति के अध्यक्ष ने कुम्भ मेला अवधि में बिजली, पानी की व्यवस्था की ओर ध्यान आकर्षित किया, होटल एसोसिएशन के नीतू पंजवानी ने सुझाव दिया कि कुम्भ से सम्बन्धित दीवारों आदि जगहों में जो पेण्टिंग बनी हैं, उनकी वीडियोग्राफी कराकर प्रसारित की जायें, व्यापार मण्डल के नरेन्द्र शर्मा ने चिकित्सा सम्बन्धी आने वाली समस्या को उठाया, इस पर मेलाधिकारी ने बताया कि हम कुम्भ मेले के दौरान सभी की उपस्थिति साफ्टवेयर के माध्यम से चेहरे के आधार पर लेंगे, जिससे कोई भी सम्बन्धित कार्मिक तैनाती स्थल से अनुपस्थित नहीं रह सकेगा।
बैठक में गोरखनाथ व्यापार मण्डल ने शहर में गंगा मैया की पालकी कुम्भ मेले से पहले, जैसे उज्जैन में निकाली जाती है, निकालने का सुझाव दिया, धर्मशाला समिति ने रेलवे लाइन के पीछे गन्दगी का मुद्दा उठाया, श्री प्रवीन शर्मा ने कुम्भ मेले के दौरान अवैध एम्बुलेंस का कारोबार, पुलों पर पेण्टिंग करना, स्नान पर्वों पर वी0आई0पी0 आगमन से होने वाली दिक्कतों की ओर ध्यान आकृष्ट किया, मेलाधिकारी ने कहा कि वी0आई0पी0 से हम अपील करेंगे। इस अवसर पर उपस्थित स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 के दृष्टिगत हम 150 बेड का हास्पिटल पन्तदीप में बना रहे हैं, हमारे पास पर्याप्त मात्रा में एम्बुलेंस हैं, जो जी0पी0एस0 माध्यम से संचालित होंगी। इसके अलावा 08 बाइक एम्बुलेंस भी हमारे पास हैं, जो भीड़भाड़ वाले इलाकों में इस्तेमाल की जा सकती हैं। उन्होंने वहां उपस्थित सभी पदाधिकारियों से कहा कि 1000 बेड के कोविड हास्पिटल के लिये अगर उनकी जानकारी में कोई हाॅल हो तो वे हमें सूचित कर सकते हैं। अगर 500-500 बेड की क्षमता के दो मिल जायें तो उस पर भी विचार किया जा सकता है। कोविड-19 के डूज एवं नाॅट डूज के प्रचार के लिये एल0ई0डी0 लगाने के लिये भी आप स्थान हमें बता सकते हैं।
बैठक में उपस्थित सभी पदाधिकारियों ने मेलाधिकारी को कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुये शान्तिपूर्ण ढंग से महाकुम्भ सम्पन्न कराने में अपना तन-मन-धन से पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया। इस मौके पर मेलाधिकारी ने सभी पदाधिकारियों को महत्वपूर्ण सुझाव देने के लिये धन्यवाद दिया तथा कहा कि कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुये कुम्भ को सम्पन्न कराने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका है। इस अवसर पर सुमित अरोड़ा, पवन अग्रवाल, महेश वैश्य, शिवकुमार कश्यप, मयंक मूर्ति भट्ट, रिंकी अरोड़ा, अशोक गिरी, सतीश चन्द्र शर्मा, अंकित चुग, सूरज, नरेश शर्मा, दीपक भौमियाल, हिमांशु राजपूत, सर्वेश्वर मूर्ति भटट, विशाल मूर्ति भट्ट, सुनील सेठी, संजय त्रिवाल, विपिन शर्मा, विकास शर्मा, राजेन्द्र जैन, सतीश शर्मा, वीरेन्द्र शर्मा, सुरेश गुलाटी, राजेन्द्र पाराशर, गौरव सचदेवा, प्रदीप कालरा, विशाल गोस्वामी सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।