माह ए रमजान के तीसरे जुमे पर मस्जिदों में उमड़ी नमाजियों की भीड़, नमाज अदा कर मांगी मुल्क में खुशहाली की दुआ
रुड़की । मुकद्दस रमजान के तीसरे जुमा की नमाज अकीदत तथा शांतिपूर्ण ढंग से अदा की गई।इस दौरान कौम की तरक्की के साथ ही देश-प्रदेश की खुशहाली व अमन-शांति के विशेष दुआ की गई।नगर की प्रमुख जामा मस्जिद में जुमा की नमाज मुफ्ती मोहम्मद सलीम ने अदा कराई।नमाज से पूर्व मौलाना अजहरूल हक ने अपने खुतबे में रमजान तथा जुमा की तफ्सील बयान की।
रमजान का महीना इबादत और बरकत का महीना है,इसमें मुस्लिम लोग विशेष तरह की नमाज तरावीह अदा करते हैं।यह नमाज केवल रमजान के महीने में ही पढ़ाई जाती है।उन्होंने कहा कि कुरान शरीफ भी इसी महीने में अवतरित हुआ।यह महीना जहां बरकत,रहमत और मगफिरत का है,वहीं इस महीने में जन्नत के दरवाजे भी खोल दिए जाते हैं,इसलिए यह महीना और भी अहमियत वाला हो जाता है।इस माहे रमजान में चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा इबादत की जाए तथा गरीबों,यतीमो और जरूरतमंदों की बढ़-चढ़कर मदद की जाए।मदरसा दारुस्सलाम के संस्थापक कारी शमीम अहमद ने अपने खुतबे में कहा कि रमजान का महीना इबादत का महीना है और अल्लाह रब्बुल इज्जत एक नेकी के बदले सत्तर गुना सवाब देते हैं।इस पाक महीने में जितनी भी इबादत की जाए वह कम है।गरीब,मजलूम तबके के जो लोग हैं उनकी मदद भी करनी चाहिए।अल्लाह ने रमजान के महीने में ईमान वालों पर रमजान के रोजे फर्ज किए हैं।कुरान शरीफ में अल्लाह ताला फरमाते हैं कि इमानवालों तुम पर रोजे फर्ज किए गए,जैसे कि तुम से पहले वालों पर फर्ज किए गए थे।रोजे की हालत में इंसान को कोई भी गुनाह नहीं करनी चाहिए।रोजे रखने से इंसान दिमागी और जिस्मानी तौर पर ताकतवर बनाता है।रोजा भी नमाज की तरह इंसान को बुराइयों से रोकता है और यह महीना सब महीनों में अफजल है।नगर निगम रुड़की द्वारा जामा मस्जिद सहित तमाम मस्जिदों के आसपास बेहतर सफाई व्यवस्था के साथ-साथ चूना आदि का छिड़काव कराया गया।जामा मस्जिद के अलावा रमजान के तीसरे जुमा की नमाज आईआईटी मस्जिद,सफरमैना मस्जिद,फातिमा मस्जिद,मदीना मस्जिद,नूर मस्जिद,शेख बेंचा मस्जिद, मरकज वाली मस्जिद, मस्जिद लोहारन,मस्जिद कानूनगोयान,सिविल लाइन मस्जिद,पुरानी कचहरी मस्जिद,ईदगाह मस्जिद, रेलवे स्टेशन मस्जिद, शेखपुरी मस्जिद,आजाद नगर मस्जिद,ईदगाह मस्जिद व मस्जिद रहीमिया के अलावा आसपास के देहातों की मस्जिदों में भी अदा की गई।इस अवसर पर जामा मस्जिद के मौलाना अरशद कासमी,इमाम कारी मोहम्मद कलीम,इं.मुजीब मलिक,हाजी फुरकान अहमद विधायक,अफजल मंगलौरी,डॉ.नैयर काजमी,हाजी नौशाद अहमद,हाजी सलीम खान,जुबैर काजमी,हाजी लुकमान कुरैशी,डॉ.मोहम्मद मतीन,शेख अहमद जमां,मौफीक अली,जावेद अख्तर एड.,इमरान देशभक्त,मेहरबान अली,जहांगीर अहमद,रियाज कुरैशी,सलमान फरीदी,मोहम्मद असलम कुरैशी,कलीम खान,हाजी महबूब,हाजी मो.मुमताज,सैयद नफीस उल हसन,अलीम सिद्दीकी, मुबाश्शिर अली आदि मौजूद रहे।