छात्रवृत्ति घोटाले में बाबूराम डिग्री काॅलेज संचालक पर मुकदमा दर्ज, फर्जी एडमिशन दिखाकर समाज कल्याण विभाग से हड़पी 41 लाख रुपए की छात्रवृत्ति, पूर्व मंत्री निरुपमा गौड के पुत्र जलज गौड़ का है यह कॉलेज
रुड़की । छात्रवृत्ति घोटाले में सालियर स्थित डिग्री कॉलेज संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।गंगनहर कोतवाली को मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी के उपनिरीक्षक राजेंद्र सिंह खोलिया ने तहरीर देकर बताया कि वर्ष 2011-12 से लेकर 2016-17 तक एससी-एसटी के छात्रों को समाज कल्याण विभाग की ओर से छात्रवृत्ति जारी की गई थी। कॉलेज के खाते में 41 लाख रुपये की धनराशि आई थी। छात्रवृत्ति घोटाला सामने आने पर हरिद्वार के कई कॉलेजों की भूमिका सामने आई थी। पुलिस ने कई नामचीन कॉलेज संचालकों की गिरफ्तारी की थी। करोड़ों रुपये का घोटाला होने पर छात्रवृत्ति बांटने वाले कॉलेजों की जांच शुरू हो गई थी। एसआईटी जांच में सामने आया कि सालियर स्थित बाबूराम डिग्री कॉलेज में 208 छात्रों को छात्रवृत्ति बांटी गई। लेकिन हकीकत कुछ ओर ही निकली। कॉलेज रिकार्ड के अनुसार जिन छात्रों के नाम छात्रवृत्ति सूची में हैं। वहां उन छात्रों ने प्रवेश ही नहीं लिया। जिन छात्रों ने प्रवेश लिया वह कभी कॉलेज गए ही नहीं थे। कॉलेज संचालक की ओर से धोखाधड़ी कर एससी-एसटी छात्रों का फर्जी प्रवेश दर्शाकर समाज कल्याण विभाग से 41 लाख रुपये छात्रवृत्ति हड़प ली। इंस्पेक्टर राजेश साह ने बताया कि छात्रवृत्ति घोटाले में सालियर स्थित बाबूराम डिग्री कॉलेज संचालक पर मुकदमा दर्ज किया गया है। थाना पिरान कलियर क्षेत्र के दो शिक्षण संस्थानों पर एसआईटी की ओर से धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया है। सोमवार को एसआईटी के एसआई भानु प्रताप और शैलेन्द्र ममगई ने कलियर थाने में तहरीर देकर बताया कि थाना क्षेत्र के शिक्षण संस्थान महर्षि दयानन्द आईटीआई धनौरी ने 53 लाख रुपये व आरसीई कॉलेज रुड़की के द्वारा छात्रों के फर्जी प्रवेश दिखाकर समाज कल्याण विभाग से चार करोड़ 24 लाख 99 हजार रुपए की छात्रवृत्ति प्राप्त की और इसे गबन कर दिया गया। संचालकों के नाम पता अज्ञात में धोखाधड़ी में मुकदमा दर्ज कराया गया है। थाना प्रभारी प्रकाश पोखरियाल ने बताया कि दोनों संस्थान के संचालक के खिलाफ एसआईटी की ओर छात्रवृत्ति गबन के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।