उत्तराखंड में सरकार ने नहीं बढ़ाया गन्ने का एमएसपी, बीते साल की दरों पर किया जाएगा किसानों को गन्ने का भुगतान

देहरादून ।     प्रदेश सरकार ने पेराई सत्र 2022-23 के लिए गन्ने के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। बीते साल की दरों पर किसानों को गन्ने का भुगतान किया जाएगा। जिसमें सामान्य प्रजाति के 345 रुपये और अगेती प्रजाति के 355 रुपये प्रति क्विंटल कीमत तय है।

उत्तराखंड में ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार, नैनीताल और देहरादून जिले में गन्ने की खेती होती है। इसमें लगभग 2.50 किसान 88 हजार हेक्टेयर पर गन्ने की पैदावार करते हैं। प्रदेश में 729.70 लाख क्विंटल गन्ने का उत्पादन होता है। इस बार गन्ना किसान सरकार ने एमएसपी बढ़ाने की उम्मीद लगाए थे। खास बात यह है कि पेराई सत्र शुरू होने से पहले सरकार गन्ने का एमएसपी घोषित करती है लेकिन इस बार पेराई सत्र शुरू होने पर गन्ने की कीमत तय नहीं हुई थी। एमएसपी के लिए गठित राज्य परामर्शी समिति की सिफारिश के आधार पर कैबिनेट ने बीते वर्ष की भांति न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने का निर्णय लिया है। वर्तमान पेराई सत्र में चीनी मिलों की ओर से किसानों को अगेती प्रजाति 355 रुपये प्रति क्विंटल और सामान्य प्रजाति के 345 रुपये प्रति क्विंटल (मिल गेट पर) के हिसाब से खरीदा जाएगा। इसके अलावा बाहरी क्रय केंद्रों से गन्ने का परिवहन चीनी मिल तक करने पर 9.50 प्रति क्विंटल निर्धारित करने का निर्णय लिया है।

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