छात्रवृत्ति घोटाले में महर्षि दयानंद प्राइवेट आईटीआई धनौरी से जुड़े दो लोग गिरफ्तार, 53 लाख का छात्रवृत्ति घोटाले का है आरोप

रुड़की / धनौरी। छात्रवृत्ति घोटाले में पुलिस ने महर्षि दयानंद प्राइवेट आईटीआई धनौरी से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें से एक बैंक मित्र और दूसरा संस्थान का कर्मचारी है। आरोप है कि संस्थान ने 53 लाख का छात्रवृत्ति घोटाला किया। एससी/एसटी छात्रों के नाम पर विभिन्न शिक्षण संस्थाओं को समाज कल्याण विभाग की ओर से करोड़ों की छात्रवृत्ति दी गई। कई संस्थानों ने छात्रों का वजीफा हड़प लिया। मामले में जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी की ओर से तीन फरवरी को कलियर थाने में महर्षि दयानंद प्राइवेट आईटीआई धनौरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। शुरुआती जांच में सामने आया था कि सत्र 2014-15, 2016-17 में पंजीकृत बताए गए छात्रों के वजीफे के लिए करीब 53 लाख रुपये जारी किए गए थे। मामले की जांच धनौरी चौकी प्रभारी यशवंत खत्री कर रहे थे। जांच में सामने आया कि कई छात्रों के बैंक खाते ग्राहक सेवा केंद्र (बैंक मित्र) नवीन कुमार पुत्र तेजपाल सैनी निवासी किशनपुर-जमालपुर, भगवानपुर ने कैंप लगाकर खोले थे। वही खातों का संचालन कर रहा था और छात्रवृत्ति की राशि संस्थान के मालिक अश्वनी कुमार को दे दी गई। संस्थान का कर्मचारी अमित कुमार सैनी पुत्र विजय पाल सिंह निवासी किशनपुर-जमालपुर, भगवानपुर ने कई छात्रों के छात्रवृत्ति आवेदन में खुद का बैंक खाता नंबर दिया और जो छात्र थे ही नहीं उनके नाम से छात्रवृत्ति की राशि ले ली। जांच में सामने आया कि संस्थान के स्वामी अश्वनी कुमार ने अमित कुमार सैनी व नवीन कुमार के साथ मिलकर कई छात्रों के फर्जी प्रवेश दिखाकर वजीफा राशि का गबन किया गया। अश्वनी कुमार को गिरफ्तारी पर कोर्ट का स्टे है। जांच अधिकारी यशवंत खत्री ने बताया कि आरोपी अमित कुमार सैनी और नवीन कुमार को गिरफ्तार किया गया है।

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