नगर निगम क्षेत्र का ड्रेनेज सिस्टम सुधारने को जरूरी है सत्ता का साथ, विपक्ष में रहकर इतना बड़ा बजट मिलने की नहीं है कोई संभावना, रुड़की नगर निगम क्षेत्र में जलभराव की सबसे बड़ी है समस्या

रुड़की । नगर निगम क्षेत्र का ड्रेनेज सिस्टम सुधारने के लिए सत्ता का साथ जरूरी है। इस बात को शहर के संभ्रांत लोग भी मान रहे हैं और इंजीनियरों का भी कुछ ऐसा ही कहना है। विपक्ष में रहते भी इतना बड़ा बजट मिलने की दूर तक भी संभावना नहीं। जबकि रुड़की नगर निगम क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या जलभराव की ही है। पिछले दो दशक के प्रयासों पर गौर करें तो नगर निगम बोर्ड को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने को सत्ता का साथ नहीं मिल पाया। जिसके चलते इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया नतीजतन आज भी हल्की बारिश पर ही अधिकतर कालोनियों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। अब जो नगर निगम में नया क्षेत्र शामिल हुआ है । उसमें तो जलभराव की समस्या और भी ज्यादा गंभीर है। बता दे कि जब इंजीनियर राजेश गर्ग चेयरमैन बने थे तो उन्होंने यहां के ड्रेनेज प्लान को स्वीकृत कराने की कोशिश की। लेकिन उन्हें सत्ता का साथ नहीं मिल पाया था । भाजपा की आंतरिक उठापटक के चलते ड्रेनेज प्लान के प्रयास सिरे नहीं चढ़ पाए थे।। इसके बाद चेयरमैन दिनेश कौशिक ने इस संबंध में प्रयास किए । पर उस समय के विधायक सुरेश चंद जैन से उनका छत्तीस का आंकड़ा होने के कारण सारे प्रयास बेकार गए।। इसके बाद चेयरमैन प्रदीप बत्रा ने ड्रेनेज प्लान बनवाया। 130 करोड रुपए की आवश्यकता बताई गई। इस प्लान को शासन स्तर पर स्वीकृति मिलने वाली ही थी कि श्रेय लेने की राजनीति के चलते मामला अटक गया। इसके बाद मेयर यशपाल राणा ने इस ओर बहुत अधिक प्रयास नहीं। किए। क्योंकि उन्हें मालूम था कि जब तक सत्ता का साथ नहीं होगा तब तक ड्रेनेज प्लान को स्वीकृति नहीं मिल पाएगी। हालांकि हरीश रावत के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें सत्ता का खूब समर्थन मिला। पर इच्छाशक्ति के अभाव में वह ड्रेनेज प्लान को कोई खास आगे नहीं बढ़ा पाए। इस कारण आज भी जलभराव की समस्या गंभीर बनी हुई है। अब नए बोर्ड से शहरवासियों को उम्मीद है। चुनाव प्रचार के दौरान जलभराव की समस्या जोरों शोरों से उठी है। सभी प्रत्याशियों ने मोहल्लेवासियों से कहा भी है कि मेयर बनने के बाद वह इस समस्या को प्राथमिकता से हल कराएंगे। नवनिर्वाचित मेयर गौरव गोयल पर भी इस समस्या का समय रहते समाधान कराने के लिए चौतरफा दबाव है। सलेमपुर, साउथ सिविल लाइंस, चौधरी चरण सिंह कॉलोनी ,आदर्श नगर सोलानीपुरम, पुरानी तहसील, माहीग्रान ,भारत नगर ,अंबर तालाब,गुलाबनगर ,सफीपुर सुनहरा, गणेशपुर अशोक नगर आदि क्षेत्र के लोग तो स्वागत समारोह के दौरान नवनिर्वाचित मेयर के समक्ष जलभराव की समस्या के निदान की मांग उठा रहे हैं। शहर के संभ्रांत नागरिकों का कहना है कि नवनिर्वाचित मेयर के सबसे पहले प्रयास जलभराव की समस्या के समाधान के ही होने चाहिए। वह यह भी कह रहे हैं कि जब तक सत्ता का साथ नहीं मिलेगा। तब तक इस समस्या का समाधान होने वाला नहीं है । इंजीनियर वीपी सिंह और सतीश कुमार का कहना है कि रुड़की नगर निगम क्षेत्र के ड्रेनेज सिस्टम सुधारने के लिए बड़े प्लान की आवश्यकता है। वर्ष 2008 में जो प्लान बना था वह 130 करोड़ रुपए की लागत का था । अब क्षेत्र और बढ़ गया है। जिससे कि करीब साढे 300 करोड रुपए । ड्रेनेज सिस्टम सुधारने के लिए और बड़ा बजट तभी मिल पाना संभव है। जब राज्य सरकार कि इस काम में रुचि हो ।यानी कि नगर निगम बोर्ड को राज्य सरकार का पूरा समर्थन प्राप्त हो। हालांकि भाजपा के तीनों विधायक का नगर निगम को बोर्ड को समर्थन है। लेकिन मेयर निर्दलीय है। ऐसे में राज्य सरकार इतने बड़े बजट के प्लान को स्वीकृति देते हुए इसे केंद्र को भेजेगी। इसको लेकर अभी खुद नवनिर्वाचित पार्षद भी मुतमईन नहीं है। इसीलिए नवनिर्वाचित मेयर और बोर्ड को सत्ता के साथ तालमेल बैठाना होगा। तभी नगर निगम क्षेत्र वासियों को इस बड़ी समस्या से निजात मिल सकेगी। अन्यथा आने वाली बरसात में फिर से इसी समस्या पर राजनीति गर्माएगी।

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