ताजा चुनावी समीकरणों में सुभाष वर्मा को बढ़त, अभी तक 26-20 का है चुनाव, ऐन वक्त पर समीकरण बदले तो बदलेगा परिणाम भी
रुड़की । ताजा चुनावी समीकरणों में सुभाष वर्मा को काफी बढ़त मिलती नजर आ रही है। अभी तक वर्मा के पक्ष में 26 और बबलू राणा के पक्ष में 20 जिला पंचायत सदस्य खुले तौर पर देखे जा रहे हैं। वही चुनावी समीक्षकों का कहना है कि यदि ऐन वक्त पर चुनावी समीकरण बदले तो परिणाम भी बदलेगा। अन्यथा चौधरी सुभाष वर्मा की जीत लगभग तय है। अब देखना यह है कि हाजी मोहम्मद शहजाद और चौधरी राजेंद्र सिंह अगले 2 दिन में चुनावी समीकरणों को किस तरह से उलटते है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बबलू राणा खेमे से दो और जिला पंचायत सदस्य कभी भी खिसक सकते हैं। ऐसी स्थिति में चौधरी सुभाष वर्मा के वोटों का आंकड़ा और भी बढ़ जाएगा। हालांकि आज दोनों खेमों की ओर से बहुत अधिक ताकत लगाई गई है। दरअसल, बहुजन समाज पार्टी के समर्थित जिला पंचायत सदस्य बबलू राणा को बसपा का जिला पंचायत अध्यक्ष का उमीदवार मानने को तैयार नहीं है । जिस कारण बहुजन समाज पार्टी के कई जिला पंचायत सदस्य चौधरी सुभाष वर्मा के साथ चले गए हैं। इसी कारण उन्हें बढ़त हासिल हुई है। हालांकि बहुजन समाज पार्टी के कुछ नेताओं ने बसपा समर्थित जिला पंचायत सदस्यों को यह समझाने की कोशिश की कि बबलू राणा बाद में बहुजन समाज पार्टी की ही राजनीति करेंगे। अब वह भाजपा में किसी भी सूरत में नहीं जाएंगे । लेकिन बसपा समर्थित जिला पंचायत सदस्यों ने साफ कर दिया है कि जब बसपा की मीनाक्षी चौधरी का जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए नामांकन कराया गया था और वह चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार थी तो उनका नामांकन क्यों वापस कराया गया । इसीलिए वह बबलू राणा को समर्थन नहीं दे सकते। कांग्रेस के भी कई जिला पंचायत सदस्य मुख्यमंत्री की टीम के साथ चले गए हैं। वैसे शुरू में चर्चा थी कि कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्य नहीं टूटेंगे और वह सारे मिलकर बबलू राणा के साथ खड़े रहेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कई सदस्य खुले तौर पर मुख्यमंत्री की टीम के साथ चले गए हैं। जिस तरह से एक-एक वोट के लिए मारामारी हो रही है ऐसे में अगले 1 घंटों में कुछ भी संभव है। जिला पंचायत सदस्यों का खुलेआम मोल भाव हो रहा है। उनके समर्थक ही नहीं बल्कि वह खुद भी मोलभाव कर रहे हैं। वहीं हाजी मोहम्मद शहजाद और चौधरी राजेन्द्र र सिंह के समर्थक खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को मनाने के प्रयास में लगे हैं। वह खानपुर विधायक से कह रहे हैं कि वह बबलू राणा को ही समर्थन करें लेकिन खानपुर विधायक ने दो टूक कह दिया है कि वह पहले भी सीएम के साथ थे। आज भी सीएम के साथ हैं और आगे भी सीएम के साथ ही रहेंगे। इसलिए विपक्षी उनसे कोई उम्मीद ना करें। साथ ही खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन नहीं चौधरी राजेंद्र सिंह और रूम हाजी मोहम्मद शहजाद को सुझाव दिया है कि वह बबलू राणा को हार का चुनाव न लड़ाए। उन्होंने बबलू राणा से भी कहा है कि वह इन नेताओं के बहकावे में आकर धन बर्बाद ना करें। उन्होंने कहा है कि हाजी मोहम्मद शहजाद और चौधरी राजेंद्र सिंह अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए बबलू राणा को मोहरा बना रहे हैं। इन नेताओं को ऐसी राजनीति नहीं करनी चाहिए। खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने कहा कि यदि जीत का चुनाव होता तो निश्चित रूप से पूर्व विधायक हाजी मोहम्मद शहजाद अपने भाई मोहम्मद सत्तार को मैदान में उतार ते। लेकिन उन्हें इस बात का पहले से ही आभास है कि जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव सुभाष वर्मा जीतने जा रहे हैं । इसीलिए उन्होंने बबलू राणा को मैदान में उतार दिया। वहीं दूसरी ओर पूर्व विधायक हाजी मोहम्मद शहजाद के भाई मोहम्मद सत्तार ने कहा है कि बबलू राणा को 32 वोट मिले गी उनका कहना है कि यदि बबलू राणा को 32 वोट नहीं मिली तो प्रमाण पत्र नहीं लेंगे। उन्होंने कहा है कि उन्हें जिला पंचायत सदस्य को छुपाकर रखने की जरूरत नहीं पड़ रही है । उनके समर्थक सारे जिला पंचायत सदस्य खुले में घूम रहे हैं। वहीं पूर्व विधायक हाजी मोहम्मद शहजाद ने कहा है कि वह सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा के समर्थन में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग हो रहा है। पुलिस टीमों पर लगातार दबिश दिलवाई जा रही है। उनका कहना है कि माफियावाद के खिलाफ मैदान में उतरे हैं। जीत भी जरूर मिलेगी। इस बीच जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष एवं इकबालपुर गन्ना विकास समिति के प्रशासक सुशील चौधरी ने कहा कि सुभाष वर्मा साफ-सुथरी सियासत करते हैं। वह एक बड़े सिंडिकेट के खिलाफ मैदान में उतरे हैं। उन्होंने कहा है कि हाजी मोहम्मद शहजाद को इस सवाल का जवाब जनता को जरूर देना होगा कि जब उन्हें चौधरी राजेन्द्र सिंह के साथ ही जाना था तो उन्होंने उनकी भाभी सविता चौधरी के खिलाफ शिकायत कराकर उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष पद से बर्खास्त क्यों कराया। उन्होंने कहा कि हाजी मोहम्मद शहजाद तब तक सत्ता के साथ रहे जब तक कि उन्हें सियासी लाभ मिलने की उम्मीद रही। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत में इस बार हाजी मोहम्मद शहजाद और चौधरी राजेंद्र सिंह का दखल समाप्त होने जा रहा है। इनके रवैए से नाराज होकर ही बहुत सारे जिला पंचायत सदस्य खुलकर सुभाष वर्मा के समर्थन में आए हैं। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत सदस्य खुद ही ही सुभाष वर्मा का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने हाजी मोहम्मद शहजाद के इस आरोप को सरासर गलत बताया कि चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर कोटवाल आलमपुर जिला पंचायत सदस्य की सीट पर भी चुनावी माहौल दिनों दिन गमार्ता जा रहा है । इस सीट पर 19 दिसंबर को मतदान होना है। अब ताजा सियासी समीकरणों में इस सीट पर भी हाजी मोहम्मद शहजाद और चौधरी राजेंद्र सिंह एकजुट होकर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री की टीम 16 दिसंबर का चुनाव होने के बाद ही पूरी ताकत के साथ कोटवाल सीट पर उतरेगी।