जेनेसिन ऑफ एजुकेशनल इंप्रेशन द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी तथा अवार्ड सेरेमनी का आयोजन, छात्रों के जीवन की सफलता के लिए व्यवहार प्रबंधन की प्रभावी रणनीतियों के बारे में चर्चा की गई
रुड़की । जेनेसिन ऑफ एजुकेशनल इंप्रेशन , रुड़की द्वारा होटल दीप रेजीडेंसी, में “बहु-विषयक अनुसंधान एवं विकास में नए क्षितिज की ओर” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी तथा अवार्ड सेरेमनी का आयोजन शनिवार, दिनांक 07 मार्च, 2020 को किया गया कार्यक्रम में एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज, नई दिल्ली के जॉइंट डायरेक्टर डॉ. अमरेंद्र पानी , इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के नयी दिल्ली स्थित सेंटर के रीजनल डायरेक्टर डॉ. अशोक शर्मा व कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रुड़की से वरुण प्रताप सिंह ने बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत की। संगोष्ठी का उदघाटन माननीय अतिथियों के कर कमलों द्वारा द्वीप प्रज्जवलन से किया गया। राष्ट्रीय संगोष्ठी होने के कारण कार्यक्रम में अनेक गणमान्य शिक्षाविद् शामिल हुए संगोष्ठी के विभिन्न सत्रों में उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों तथा शोध छात्रों द्वारा अपने शोध प्रपत्र प्रस्तुत किये गये सर्वप्रथम जेनेसिन ऑफ एजुकेशनल इंप्रैशन्स, रूड़की की डॉयरेक्टर, डॉ0 गरिमा शर्मा ने कार्यक्रम के माननीय अतिथियों व मुख्य प्रवक्ताओं का परिचय दिया। ततपश्चात संस्थान तथा संगोष्ठी के आयोजन के उददेश्यों के बारे विस्तारपूर्वक चर्चा की। कार्यक्रम में डॉ. संगीता सिंह तथा डॉ. अस्मा सिद्दीकी द्वारा अपनी अद्भुत वाक् कला द्वारा मंच संचालन किया गया। डॉ. अमरेंद्र पानी द्वारा बिल्डिंग रिसर्च इकोसिस्टम इन यूनिवर्सिटीजः ऐन इम्परेटिव फॉर नोलेज इकॉनमी विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया गया उसके बाद डॉ अशोक शर्मा द्वारा अपने उद्बोधन में छात्रों के जीवन की सफलता के लिए व्यवहार प्रबंधन की प्रभावी रणनीतियों के बारे में चर्चा की गई। श्री वरुण प्रताप सिंह द्वारा अनुसंधान में उद्देश्यों को सटीक करने के बारे में बताया गया। उन्होंने गूगल क्लासरूम द्वारा यूनिवर्सिटी लर्निंग सिस्टम के बारे में शिक्षकों तथा छात्रों को बताया कि किस प्रकार वे स्वयं को डिजिटल तकनीक के माध्यम से जोड़कर प्रभावी तथा प्रैक्टिकल लर्निग पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। उन्होंने उन सभी विधियों की चर्चा की जिससे तकनीक के माध्यम से शिक्षक छात्रों को एक समय में प्रभावी तरीके से अपनी बात समझा सकते हैं जो छात्र कभी नहीं भूल सकते। मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता सुश्री श्रीजा मुखर्जी द्वारा प्ले थेरेपी द्वारा बच्चों की काउंसलिंग, मुकेश मसीह द्वारा पुलिस एजुकेशन विषय पर, हिंदी शिक्षण के शिक्षाविद डॉ. अशोक परमार द्वारा ग्रामीण शिविर का आयोजन, तथा डॉ. वर्षा, हरीश चंद्र पांडेय, सुशील कुमार, मेधा, मुनाजा, डॉ. नीलिमा जोशी द्वारा शोध प्रपत्रों की प्रस्तुति की गई जिसे बहुत सराहा गया। राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन समारोह में आये हुए गणमान्य शिक्षाविदों तथा बुद्धिजीवियों की उपस्थिति में डॉ. नीलिमा जोशी द्वारा लिखित पुस्तक ‘एनवायरनमेंटल साइंस’ तथा डॉ. गरिमा शर्मा, द्वारा संपादित पुस्तक का विमोचन किया गया जिसमें संगोष्ठी हेतु आये हुये 150 शोध प्रपत्रों में से चुने गये कुछ शोध प्रपत्र प्रकाशित किये गये हैं। इन दोनों पुस्तकों का जेनेसिन ऑफ एजुकेशनल इंप्रैशन्स द्वारा ‘अंतर्राष्ट्रीय मानक कमांक’ भी प्राप्त है। कार्यक्रम में अनेक शिक्षकों को उनके द्वारा किये गये उल्लेखनीय कार्यों के लिये अवार्ड प्रदान कर सम्मानित किया गया। अवार्ड सेरेमनी में चालीस शिक्षकों तथा छात्रों को जिनमें डॉ. सुषमा रानी, डॉ. संगीता सिंह, तथा डॉ. रश्मि शर्मा को बेस्ट वीमेन एजुकेशनिस्ट, डॉ. नवीन, गौरव वर्मा, श्रीजा, हरीश पांडेय को युथ अचीवमेंट अवार्ड, मुकेश मसीह को बेस्ट रिसर्च पेपर, मनोज कुमार मिश्रा को बेस्ट स्टार्ट उप अवार्ड, कानपूर के नारायणा विद्यापीठ से डॉ. विनय द्विवेदी की टीम जिनमें क्रमश गौरव वर्मा, प्रिआंशु, निशु भदौरिया, महेंद्र सिंह को भी अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्यों के लिए अवार्ड देकर सम्मानित किया गया। डॉ. विनय द्विवेदी तथा वरुण प्रताप सिंह को आउटस्टैंडिंग मेंटरिंग ऑफ स्टूडेंट्स अवार्ड से नवाजा गया।कुमारी रविता तथा रीचा को बेस्ट रिसर्च स्कॉलर अवार्ड तथा कार्यक्रम को बेहतर बनाने के लिए किये गए कार्यों के लिए छात्राओं मेधा तथा मुनाजा को बेस्ट वालंटियर का अवार्ड दिया गया।कार्यक्रम का समापन संस्थान की डॉयरेक्टर डॉ. गरिमा शर्मा द्वारा पधारे हुए सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापन तथा स्मृति चिन्ह प्रदान करके किया गया।