किसानों ने गन्ने की होली जलाकर किया डबल इंजन सरकार का विरोध, केन्द्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ की जमकर नारेबाजी
रुड़की । भारतीय किसान यूनियन टिकैत के कार्यकर्ताओं तथा झबरेड़ा क्षेत्र के किसानों द्वारा गन्ने की होली जलाकर बकाया गन्ना भुगतान तथा गन्ना मूल्य निर्धारण न किये जाने से डबल इंजन सरकार का विरोध किया। शनिवार को झबरेड़ा स्थित शिव चौक पर भारतीय किसान यूनियन टिकैत के कार्यकर्ताओं, झबरेडा नगर तथा क्षेत्र के किसानों द्वारा गन्ने की होली जलाकर बकाया गन्ना भुगतान, गन्ना मूल्य निर्धारण न किए जाने कथा विद्युत विभाग द्वारा किसानों पर विद्युत भार बढ़ाने से प्रदेश तथा केंद्र सरकार के विरोध में नारे लगाकर प्रदर्शन किया गया भारतीय किसान यूनियन टिकैत जिला अध्यक्ष विजय शास्त्री ने बताया कि किसानों का 2 वर्ष का बकाया गन्ना भुगतान सरकार तथा मिल प्रबंधन द्वारा नहीं किया जा रहा है मिल प्रबंधन पर सरकार का कोई दबाव नहीं है मिल द्वारा अपनी मनमानी की जा रही है और ना ही वर्ष 2019-20 पेराई सत्र का गन्ना मूल्य घोषित किया गया है उन्होंने कहा कि किसानों को लागत के अनुसार गन्ने का मूल्य नहीं दिया जा रहा है उन्होंने मांग की कि किसानों को उनके गन्ने का मूल्य 500 रुपए दिया जाए तथा किसानों पर विद्युत विभाग द्वारा विद्युत बिल में बढ़ोतरी को घटाकर 40 पैसे प्रति यूनिट होनी चाहिए तथा किसानों का कर्ज माफ सरकार द्वारा किया जाए उन्होंने बताया कि किसान की हालत आज के समय में बहुत ही खराब होती जा रही है जिससे किसान आत्महत्या का रास्ता चुन रहा है उन्होंने बताया कि डबल इंजन की सरकार ने अपने विधायकों तथा सांसदों के भत्ते तथा तनखा बढ़ा ली है लेकिन किसान के बारे में केंद्र तथा राज्य सरकार दोनों ही मौन हैं उन्होंने बताया कि पूरे जिले में गन्ने की होली जलाकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा 10 तारीख को लंढोरा में डबल इंजन सरकार का विरोध प्रदर्शन होगा। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय किसान यूनियन टिकैत द्वारा 21 दिसंबर को किसान हल क्रांति आंदोलन किया जाएगा और उप जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा इस अवसर पर जिला महामंत्री कुलदीप सैनी, नगर अध्यक्ष कुलदीप कुमार, कपिल सैनी, सुखपाल सिंह, संजीव, संजय, जय सिंह सैनी, कुणाल,ओमप्रकाश, अरशद, मिंटू ,इस्लाम, अर्जुन सैनी, इरशाद, मनीष, अमित, दीपक, सुखबीर, जनक सिंह, जयपाल सैनी, अरविंद कसाना, ऋषभ शर्मा आदि किसान मौजूद रहे।