जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय ने बालिकाओं को सोशल मीडिया से दूर रहने का किया आह्वान

हरिद्वार । शिक्षा ही वह मूलमन्त्र है जिसके माध्यम से बेटियों हर फलक पर अपना परचम लहरा सकती है और विकास के नये प्रतिमान गढ़ सकती हैं। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के अन्तर्गत चौत्र नवरात्रि उत्सव में बालिकाओं को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय ने बालिकाओं को सोशल मीडिया से दूर रहने का आहवान किया।

बाल विकास विभाग हरिद्वार द्वारा कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अन्तर्गत एक दिन बेटियों के नाम कार्यक्रम में जिलाधिकारी हरिद्वार एवं मुख्य विकास अधिकारी हरिद्वार ने बालिकाओं को उपहार वितरित कर उन्हें शिक्षा के लिए लगातार आगे बढ़ते रहने के प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय ने बालिकाओं से जोर देकर कहा कि वे बेशक मोबाइल का प्रयोग करें लेकिन सोशल मीडिया फेसबुक इस्ट्राग्राम एवं टिवटर आदि से दूरी बनाकर रखें। वर्तमान में आप उम्र के जिस पड़ाव पर हैं, उसमें आपकी प्राथमिकता ज्ञानार्जन करना होना चाहिये। बेशक आप मोबाइल का प्रयोग करें, लेकिन उसका प्रयोग अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए करें। उन्होंने सभी बालिकाओं से चाइल्ड जीपीटी एप एवं इसी तरह के और भी एप जिनसे बच्चों की समस्याओं का समाधान होता है, डाउनलोड करते हुए इसका अपने जीवन में प्रयोग करने की सलाह दी, लेकिन इस पर निर्भरता के लिए भी सचेत किया।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन ने बालिकाओं को चौत्र नवरात्रि की शुभकामनायें देते हुए शिक्षा को व्यवहारिक रूप से अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही वह माध्यम है जिसके द्वारा हम समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ लामबद्ध हो सकते हैं और उनका समूल नाश कर सकते हैं। उन्होंने शिक्षा के साथ स्वास्थ्य एवं खेलकूद पर भी विशेष ध्यान देने का आहवान किया। माता-पिता और अभिभावकों की बातों का अनुसरण करते हुए अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करते हुए उस दिशा में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने के लिए उन्होंने किशोरी बालिकाओं को प्रेरित किया।
इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी सुलेखा राहगल ने जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी को बुके देकर स्वागत किया। उन्होंने नवरात्रि नारी शक्ति उत्सव की शुभकामनाओं के साथ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना महिला एवं बाल विकास मन्त्रालय, स्वास्थ्य मन्त्रालय, मानव संसाधन विकास मन्त्रालय एवं परिवार कल्याण मन्त्रालय का एक संयुक्त कार्यक्रम है, जिसमें बेटियों के प्रति समाज की सोच में बदलाव लाना और लिंगानुपात को कम करना मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि एक ओर जहाँ जनसंख्या लगातार बढ़ रही है वहीं बेटियों की जन्म दर घट रही है जो स्वयं में चिन्ताजनक है। उन्होंने कहा कि बेटियों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए तमाम विभागीय योजनाओं का हर बेटी तक पहुँचाने के लिए सरकारकृत संकल्पित है। सरकार ने बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ योजना, किशोरी शक्ति योजना, सतत् आजीविका योजना, मुख्यमन्त्री महालक्ष्मी किट योजना, प्रधानमन्त्री मातृ वन्दन योजना, जननी सुरक्षा योजना एवं नन्दा गौरा योजना के साथ तमाम योजनायें संचालित की हैं, जिससे बालिकाओं एवं महिलाओं के पुनरोत्थान के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। इसका परिणाम भी घरातल पर देखने को मिल रहा है।
इस अवसर पर घात्री माताओं संजो देवी एवं सोनिया तथा नवजात बालिकाओं काजल एवं जिया को बेबी किट प्रदान की गई, साथ ही 25 किशोरी बालिकाओं को स्कूल बैग, पानी की बोतल, सैनेटरी पैड एवं अन्य उपहार भेंट किये गये। इस मौके पर साजिया, दिव्या, वंशिका एवं अलीशा ने भी अपने विचार साझा किये और बताया कि वे तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ ले रही हैं और पढ़ लिखकर एक सशक्त महिला बनना चाहती हैं।
कार्यक्रम के अन्त में सुपरवाईजर सुनीता जोशी ने सभी आगन्तुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर विनीत चौहान, सोहन रावत, पूजा नेगी, योगिता, सिद्धान्त, अशोक, सुलोचना आ०बा०कार्य० रूबी, किरन, निर्देश एवं बेबी रानी मौजूद रहीं। कार्यक्रम में हंसिका, अनुष्का, ऑचल, साक्षी तनिषा, जुही, तमन्ना आदि किशोरी बालिकायें मौजूद थी। कार्यक्रम का संचालन सन्तोष रावत ने किया।

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